पटना: जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने अपने कार्यालय कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम 2015 के तहत लोक शिकायत के 17 मामलों की सुनवाई की और समाधान किया. लापरवाही बरतने के आरोप में बिहटा के अंचलाधिकारी (सीओ) पर पांच हजार रुपए का दंड लगाया गया.
जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि बिहटा के अंचलाधिकारी द्वारा लोक शिकायत निवारण के लिए कोई ईमानदार एवं सार्थक प्रयास नहीं किया गया. उनका प्रतिवेदन भी संतोषजनक नहीं था. अंचलाधिकारी द्वारा परिवादी से लिखित में वंशावली की भी मांग नहीं की गई. अप्रैल से ही परिवादी को अंचल में दौड़ाया जा रहा था. जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी अधिकारी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है. लोक प्राधिकार के इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का समाधान नहीं हो सका है. उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को दर्शाता है. जिलाधिकारी द्वारा इन आरोपों के कारण लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी पर 5000 रुपये का अर्थदंड लगाया गया. साथ ही उन्हें एक माह के अंदर परिवादी की शिकायत का नियमानुसार समाधान करते हुए प्रतिवेदन समर्पित करने का निर्देश दिया गया.
डीएम द्वारा सीओ से स्पष्टीकरण भी मांगा गया कि जमाबंदी पंजी कैसे फटी. साथ ही जमाबंदी पंजी फाड़ने वाले के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश भी दिया गया.
फरक्का एक्सप्रेस से 54 हजार उड़ाए
भागलपुर से पटना आ रहे एक रेल यात्री का चोरों ने बैग चुरा लिया. बैग में 54 हजार नकद समेत हजारों रुपये मूल्य के सामान थे. इसको लेकर पीड़ित यात्री ने जीआरपी थाना में प्राथिमकी दर्ज कराई है.
दरअसल, भागलपुर जिले के बैजनाथपुर गांव निवासी राहुल कुमार 17 अगस्त को अप फरक्का एक्सप्रेस से पटना आ रहे थे. उनका सीट एसी कोच संख्या-ए 2 में आरक्षित था.
यात्री ने रेल पुलिस को बताया कि खाना खाने के बाद वह सो गया. पटना जंक्शन पर ट्रेन पहुंची तो उसकी नींद खुली तो देखा कि उनका बैग गायब है. बैग में लैपटॉप, पासपोर्ट, आधार कार्ड, बैंक का चेक, वित्त मंत्रालय का असली पेमेंट बुक सहित अन्य कागजात और रुपये थे.