बिहार

CM नीतीश के मंत्री ने बताया शराबबंदी कानून में संशोधन की असली वजह, पढ़ें यह खबर

Deepa Sahu
6 April 2022 2:33 PM GMT
CM नीतीश के मंत्री ने बताया शराबबंदी कानून में संशोधन की असली वजह, पढ़ें यह खबर
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बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Prohibition Law) में संशोधन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है.

पटना: बिहार में लागू शराबबंदी कानून (Prohibition Law) में संशोधन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर है. कानून में संशोधन को नौटंकी बता कर विपक्ष सरकार को सवालों के कटघरे में खड़ा कर रहा है. इसी क्रम में कानून में संशोधन का कारण जानने से लेकर कानून को अब किस तरह से लागू कराया जाएगा और इससे सराकर को क्या फायदा होगा के संबंध में एबीपी ने सूबे के मद्यनिषेध मंत्री सुनील कुमार से बातचीत की.


कोर्ट और जेल पर दबाव होगा कम
कानून में संशोधन के संबंध में बात करते हुए उन्होंने कहा कि नियमों में बदलाव के बाद 30 से 40 प्रतिशत मामले कम हो गए हैं. जेल में बंद कैदियों में से लगभग 38 प्रतिशत लोग शराब पीने के आरोप में जेल में थे. ऐसे में उतने एफआईआर अब कम होंगे. साथ ही कोर्ट पर भी उतना ही भार कम होगा. ऐसे में स्पष्ट है कि ज्यूडिशियल कोर्ट पर जो भार था, वो कम होगा. अब धंधेबाजों और माफियाओं पर अधिक ध्यान रहेगा क्योंकि ये जो शराब तैयार करेंगे, अब उसपर हमारा पूरा फोकस रहेगा.

मंत्री ने कहा, " पहले के कानून के नियमों के अनुसार कार्रवाई में काफी समय लग जाता था. इस कारण कानून में संशोधन किया गया है. कानून में संशोधन के बाद अब पुलिस और विभाग के पास बड़े धंधेबाजों को पकड़ने और उन पर फोकस करने का ज्यादा वक्त रहेगा." साथ ही सजा अवधि में छूट मिलने के संबंध में उन्होंने कहा कि पहली बार पीने वालों को छूट मिलेगी. बार-बार एक ही गलती करने वालों को कोई राहत नहीं मिलेगी.

सभी के लिए नियम एक समान्य

पुलिस के मिलीभगत के संबंध में सुनील कुमार ने कहा कि ब्रेथ एनालाइजर मोनिटरिंग डिवाइस से जुड़ा हुआ है. ऐसे में इस तरह की स्थिति का उत्पन्न होना मुश्किल है. वहीं, सरकारी कर्मचारी या पुलिस पदाधिकारी के पीकर पकड़े जाने पर क्या कार्रवाई होगी के संबंध में उन्होंने कहा कि उन पर कार्रवाई होगी. उनके लिए अलग प्रावधान है. जेल जाना ही एक मात्र कार्रवाई नहीं है. नियम सबके लिए समान है. लेकिन उनके खिलाफ सख्ती की जाएगी.

कानून में संशोधन के बाद क्या कानून का मुख्य उद्देश्य भटक जाएगा? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि धंधेबाजों पर फोकस करना ज्यादा जरूरी है, इसलिए ये फैसला लिया गया है. कोर्ट ट्रायल्स में पहले की तुलना तेजी आई है, आने वाले दिनों में इसमें और ज्यादा तेजी आएगी. इस कार्य के लिए हमलोग रिटायर्ड जज की मदद भी ले रहे हैं. अभी कानून में संशोधन हुआ उसे थोड़ा वक्त देने की जरूरत है. थोड़े वक्त बाद ही नतीजे सामने दिखेंगे.

वोट बैंक के लिए बदले नियम?

क्या वोट बैंक के कारण कानून में संशोधन किया गया? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वोट बैंक के कारण कानून में संशोधन नहीं किया गया है. कानून को जनता का सपोर्ट है. खासकर महिलाओं का क्योंकि उनकी मांग पर ही कानून लागू किया गया है. वोट के कारण कानून में बदलाव किया गया, ये कहना एकदम गलत होगा.


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