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बिहार के सीएम नीतीश कुमार दिल्ली दौरे के बाद गुरुवार को पटना वापस लौट गए. पटना के बाद जब उनसे दिल्ली जाने को लेकर सवाल किया गया तो सीएम ने साफ कहा कि वह निजी कामों को लेकर दिल्ली गए थे और जब काम खत्म हो गया तो वापस लौट आए. वहीं, सीएम के दिल्ली दौरे को लेकर बीजेपी का कहना है कि वह I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं से मिलने के लिए दिल्ली आए थे, लेकिन किसी ने उन्हें टाइम नहीं दिया. जिसकी वजह से वह वापस लौट आए. वहीं, सीएम ने दिल्ली आने की वजह निजी काम को बताते हुए कहा कि वह आंख दिखाने दिल्ली आए थे.
'आंख' दिखाने गए थे दिल्ली
वह आंख दिखाने दिल्ली आए थे और कल डॉक्टर से बात भी हुई और चेकअप भी करवाना था. दिल्ली गए थे. 2 साल पहले भी आंखों की जांच हुई थी. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि 16 अगस्त को अटल जी की जंयती भी थी, तो हमेशा की तरह उन्हें श्रद्धांजलि भी दिया. अटल जी के साथ मेरा संबंध पुराना रहा है और हमको बहुत मानते थे. वो इतना अच्छा काम करते थे, हम कभी वो रिश्ता नहीं भूल सकते.
नीतीश और अटल जी का रिश्ता
आपको बता दें कि नीतीश कुमार को अटल जी की सरकार में पहली बार केंद्रीय मंत्री बनने का मौका मिला. नीतीश कुमार वाजपेयी सरकार में कृषि मंत्री और रेल मंत्री भी बनाए जा चुके हैं. अटल बिहारी वाजपेयी के कहने पर साल 2000 में बीजेपी ने नीतीश कुमार को समर्थन दिया था. बीजेपी के सहयोग से 3 मार्च, 2000 को नीतीश पहली बार बिहार के सीएम बने. हालांकि वे सिर्फ सात दिन के लिए ही सीएम रहे. अटल जी के न रहने पर भी नीतीश कुमार के मन से उनकी स्मृति नहीं गई.
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