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पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आए 59 लोगों की समस्याएं सुनी और संबंधित विभाग के अधिकारियों को उसके समाधान के लिए समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। नीतीश कुमार ने 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई की।
जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में बांका जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उसकी मां का निधन कोरोना से हो गया, लेकिन आज तक अनुदान की राशि नहीं मिल पाई है। भागलपुर जिला से आए एक अन्य युवक ने भी कहा कि उनके पिता की मृत्यु कोरोना से हो गई, लेकिन आज तक उसे अनुदान की राशि नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। वहीं सुपौल जिला से आए युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि उसके पिताजी शिक्षक थे जो 14 साल पहले लापता हो गए थे, उनका अब तक कोई सुराग नहीं मिला है और न ही आश्रितों को किसी प्रकार का कोई लाभ मिला है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुजफ्फरपुर जिला से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से कहा कि अनुसूचित जाति की जगह आंगनबाड़ी में अतिपिछड़ा समुदाय से बहाली कर दी गई है। इस बात की सूचना अधिकारियों को दी गई, लेकिन किसी प्रकार की कोई कारर्वाई नहीं हुई। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
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