बिहार

सीएम नीतीश कुमार ने लखनदेई नदी को पुनर्जीवित करने की योजना का किया निरीक्षण, नए लिंक चैनल चालू करने का निर्देश दिया

Renuka Sahu
14 May 2022 2:51 AM GMT
CM Nitish Kumar inspects plan to revive Lakhandei river, directs to start new link channels
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फाइल फोटो 

बिहार में सिंचित क्षेत्र को विकसित करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा मृत नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में सिंचित क्षेत्र को विकसित करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा मृत नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा है। इसके तहत सीतामढ़ी जिले में लखनदेई नदी की पुरानी धार को पुनर्जीवित किया गया है। लखनदेई नदी की पुरानी धार में सिल्टेशन हो जाने के कारण यह मृतप्राय: हो गई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को सीतामढ़ी जिले के सोनबरसा प्रखंड के खाप गांव में लखनदेई नदी की उड़ाही और लिंक चैनल निर्माण कार्य की विस्तृत जानकारी ली।

लिंक चैनल में पानी को देखकर मुख्यमंत्री काफी प्रसन्न हुए और जिलाधिकारी को तत्काल यह निर्देश दिया कि आज ही नए बने लिंक चैनल को चालू करा दिया जाये। लखनदेई नदी की नई धार को पुरानी धार से मिलाने के लिए तीन किलोमीटर नए लिंक चैनल का निर्माण कार्य एवं 18.27 किलोमीटर की पुरानी धार की उड़ाही का कार्य पूरा कर लिया गया है।
यह इंडो-नेपाल बॉर्डर पर सोनवर्षा प्रखंड के छोटी भरसार से निकलकर सोनवर्षा प्रखंड के दुलारपुर, बथनाहा प्रखंड के पिताम्बरपुर (सोरम नदी के मिलन बिंदु), सीतामढ़ी एवं रून्नी सैदपुर प्रखंड होते हुए मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड में मोहनपुर (बागमती बायां तटबंध के 74.73 किलोमीटर) में बागमती नदी में मिल जाती है। भारत में पुरानी लखनदेई नदी की कुल लंबाई 170 किलोमीटर है। योजना पूर्ण होने पर कुल 21.27 किलोमीटर चैनल से सीतामढ़ी जिलांतर्गत सोनवर्षा, बथनाहा, सीतामढ़ी एवं रून्नी सैदपुर प्रखंडों में कुल 2539.86 हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य हो जाएगी।
4.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को बाढ़ से राहत मिलेगी
मुख्यमंत्री ने शिवहर जिले के निर्माणाधीन बेलवा डेम प्रोजेक्ट का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बागमती कार्य प्रमंडल के वरीय पदाधिकारियों से इस प्रोजेक्ट के संबंध में विस्तृत चर्चा की। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि हेड रेगुलेटर एवं तटबंध निर्माण कार्य का उद्देश्य बाढ़ के समय हेड रेगुलेटर से अधिकतम 50,000 क्यूसेक जल प्रवाहित कराकर पुरानी बागमती नदी की धार से बूढ़ी गंडक नदी में प्रवाहित किया जाना है।
इसका निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद शिवहर, सीतामढ़ी एवं पूर्वी चंपारण जिले के 4.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को बाढ़ से राहत मिलेगी। साथ ही स्थानीय लोग सिंचाई, मत्स्य पालन जैसी गतिविधियों से लाभांवित होंगे और अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकेंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि शीघ्र भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण करें। बागमती नदी की पुरानी धारा को जीवित करते हुए इसमें चैनल का निर्माण करें और इसे बूढ़ी गंडक से जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित पुल का निरीक्षण करते हुए स्टेट हाईवे को भी चालू करने का निर्देश दिया। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल, तिरहुत प्रमंडल के आईजी पंकज सिन्हा, जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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