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बिहार। बिहार की राजनीति में भाजपा और जेडीयू का गठबंधन टूटने के बाद यहां की राजनीति नए मोड में आ चुकी है और अब राज्य में जेडीयू और आरजेडी के गठबंधन की सरकार है। ऐसे में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किसी न किसी मामले को लेकर भाजपा पर निशानेबाजी करते नजर आते हैं। सीएम नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए बगैर बड़ा आरोप लगाया है।
बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू नेता नीतीश कुमार का जो बयान सामने आया, उसमें उन्होंने यह कहा है कि, "वह 2020 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन में होने के बावजूद जद (यू) के खिलाफ काम कर रही थी। साल 2020 में विधानसभा चुनावों के दौरान हमारी पार्टी ने कम सीटें जीतीं। क्योंकि गठबंधन होने के बावजूद सहयोगी पार्टी (भारतीय जनता पार्टी) हमारी हार सुनिश्चित करने में व्यस्त थी।"
उस दल (भाजपा) के विरोधी दल 2024 के लोकसभा चुनावों में 'भारी बहुमत' से जीत सकते हैं यदि वे एक-दूसरे से हाथ मिलाने के लिए सहमत हों। पिछले विधानसभा चुनावों में जदयू के असंतोषजनक प्रदर्शन की वजह तत्कालीन गठबंधन सहयोगी पार्टी (भाजपा) थी।
उन्हें (भाजपा को) याद दिलाया जाना चाहिए कि इससे पहले कभी भी हमारी पार्टी ने 2005 या 2010 के विधानसभा चुनावों में इतनी कम सीटें नहीं जीती थीं। 2020 में हमें नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उन्होंने हमारे उम्मीदवारों की हार सुनिश्चित करने की कोशिश की।
वह सीएम के तौर पर दोबारा पदभार ग्रहण करना नहीं चाहते थे, परंतु पूर्व गठबंधन सहयोगी पार्टी (भाजपा) के आग्रह पर इसके लिए सहमत हुए थे। लेकिन इसके बावजूद बिहार को (केंद्र की भाजपा सरकार से) कुछ नहीं मिल रहा था।
विशेष दर्जे की मांग भी नहीं मानी गई। वह (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) उस राज्य से ताल्लुक रखते हैं जो ब्रिटिश राज के बाद से समृद्ध रहा है। गरीब लोगों का विकास किए बिना देश प्रगति नहीं कर सकता है।
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