बिहार

'जातीय जनगणना' को लेकर CM ने बुलाई कैबिनेट बैठक, आज मिल सकती है हरी झंडी

Renuka Sahu
2 Jun 2022 5:50 AM GMT
CM convenes cabinet meeting regarding ethnic census, may get green signal today
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फाइल फोटो 

बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर बुधवार को ऑल पार्टी मीटिंग हुई.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बिहार में जातिगत जनगणना को लेकर बुधवार को ऑल पार्टी मीटिंग हुई. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक में जातीय जनगणना (Caste Census) कराने का फैसला लिया गया. बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बहुत जल्द कैबिनेट की बैठक में इसपर प्रस्ताव लाया जाएगा. गुरुवार को सीएम ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है. बैठक में जातिगत जनगणना को लेकर मंत्रियों के बीच सहमति बनाई जाएगी. इसके बाद इसकी अधिसूचना तैयार की जाएगी, जिसमें निर्धारित किया जाएगा कि जातिगत जनगणना कब से शुरू किया जाए.

जातिगत जनगणना कराने के पक्ष में दावे हैं कि इससे बिहार के लोगों को कई फायदे होंगे. इसमें सभी धर्मों की जातियों और उपजातियों की गणना होगी. साथ ही यह भी पता चल पाएगा कि कौन कितने गरीब हैं.
बहुत कम समय में जातिगत जनगणना- CM
जातिगत जनगणना पर हुए सर्वदलीय बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि बहुत ही कम समय सीमा में जातिगत जनगणना कराई जाएगी. इसपर कैबिनेट की ओर से जल्द ही फैसला लिया जाएगा, जिसके बाद इसे कराने के लिए समय सीमा भी निर्धारित कर दी जाएगी.
जातिगत जनगणना RJD की जीत-तेजस्वी
इधर जनगणना कराए जाने के फैसले को तेजस्वी यादव ने RJD की जीत बताया है. तेजस्वी ने कहा-जब संसद में सरकार ने इससे इनकार कर दिया तो हम लोगों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाया. इसके बाद अब सर्वदलीय बैठक हुई और बिहार में जातीय जनगणना कराने का निर्णय लिया गया है. नेता पतिपक्ष ने कहा कि सबसे पहले लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित गणना की मांग की थी. इसलिए यह लालू जी की जीत है, यह बिहार के सभी लोगों की जीत है. जातीय जनगणना से अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को लाभ मिलेगा,
बीजेपी की आशंका अगड़े मुस्लिम पिछड़े ना बन जाएं
तो वहीं बीजेपी ने बिहार में जातीय जनगणना का समर्थन करते हुए कुछ आशंकांए जाहिर की है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा है कि रोहिंग्या और बांग्लादेशी का नाम जातीय जनगणना में नहीं जुड़ जाए और बाद में वह इसी को आधार बनाकर नागरिकता मांगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गणना करने वालों को देखना होगा कि मुस्लिम में जो अगड़े हैं वह गणना की आड़ में पिछड़े और अति पिछड़े नहीं बन जाएं
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