पटना न्यूज़: नगर परिषद बोर्ड के गठन व बोर्ड की पहली बैठक होने के बादवजूद नगर परिषद क्षेत्र में विकास कार्य ठप पड़ा है. इससे शहर की व्यवस्था चरमरा गई है. न तो समय से सफाई हो रही न कचरे का उठाव हो रहा है.
बोर्ड की पहली बैठक में प्रत्येक वार्ड के क्षेत्रफल के हिसाब से सफाई कर्मियों की संख्या 2, 3 या 4 करने वहीं सभी 45 वार्डों में 10-10 लाख रुपये की योजनाओं की स्वीकृति दी गई. मगर चार फरवरी को पहली बैठक की बैठक को 19 दिन बाद भी प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल पाई. योजनाएं तो बन रही, लेकिन इसका क्रियान्वयन नहीं होने से योजनाएं धरी की धरी रह गई हैं. इन सबका मूल कारण नगर परिषद के वर्तमान ईओ को वित्तीय प्रभार नहीं मिल पाना है. इस स्थिति में नप के प्रभारी ईओ शहबाज खां किसी भी योजनाओं को प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दे पा रहे हैं. वहीं वित्तीय प्रभार नहीं मिलने से न सिर्फ शहर का विकाय कार्य ठप्प है, बल्कि कर्मियों का वेतन भी तीन महीने से नहीं मिल पा रहा है. नगर परिषद में फिलवक्त 72 कर्मियों के अलावा करीब दो सौ स्थायी व संविदा सफाई कर्मी है. इन सभी को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. जानकारी के अनुसार सफाई कर्मी अब हड़ताल पर जाने वाले हैं.वार्ड पार्षद चमन आरा ने बताया जा रहा कि इस संदर्भ में वार्ड पार्षदों का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिलकर प्रभारी ईओ को वित्तीय प्रभार दिए जाने की मांग किया था. डीएम द्वारा इस दिशा में उपर में बात किए जाने के बाद भी अब-तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
इधर, नगर परिषद सूत्रों के अनुसार वेतन नहीं मिलने से नाराज सफाई कर्मी एक मार्च से हड़ताल पर जाने का मन बना चुके हैं. लोगों के अनुसार, होली करीब है, और ऐसे में नगर परिषद के सफाई कर्मी हड़ताल पर जाते हैं तो शहर की स्थिति नारकीय हो जायेगी. नगर परिषद के सफाई कर्मी संघ के अध्यक्ष अमित कुमार गोंड़ ने बताया कि तीन महीने से वित्तीय प्रभार नहीं मिलने के कारण तीन महीने से वेतन नहीं मिल रहा है. कोई भी जनप्रतिनिधि इस संदर्भ में डीएम से मिलकर समस्या का समाधान कराने के लिए पहल नहीं कर रहा है. 28 फरवरी तक इस दिशा में कोई निर्णय नहीं हुआ तो हड़ताल ही एकमात्र विकल्प है.