बिहार

नगर परिषद का डस्टबिन कबाड़ी दुकान से बरामद

Harrison
30 Sep 2023 10:19 AM GMT
नगर परिषद का डस्टबिन कबाड़ी दुकान से बरामद
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बिहार | पिछले कुछ दिनों से शहर में नगर परिषद द्वारा लगाये गये डस्टबिन की चोरी की शिकायतें मिल रही थी. पुलिस ने योगीपुर रोड के कबाड़ी दुकान से डस्टबिन बरामद किया. नाबालिग किशोर डस्टबिन चुराकर कबाड़ी दुकान में बेच रहा था. दुकानदार समेत तीन को गिरफ्तार किया गया है.
हाल में शहर के तीन स्थानों से डस्टबिन चोरी हुआ था. एक किशोर स्टील का डस्टबिन कबाड़ी दुकान में बेच रहा था. किसी ने विडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. बेचने के बाद आरोपित डस्टबिन को तोड़ रहा था, तभी पुलिस पहुंच गयी. स्थानीय लोगों की माने तो किशोर उम्र के लड़के नशा करने के लिए ऐसी हरकत कर रहे हैं. दुकानदार चंद रुपये की खातिर उन्हें बढ़ावा दे रहे हैं. सूत्रों की माने तो पकड़ गये नाबालिग ने स्वीकार किया कि नशे के लिए रुपये नहीं थे. डस्टबिन बेचने से 60 रुपये मिले थे. पुलिस सभी से पूछताछ कर रही है.
आरोपित महिला गिरफ्तार बिहारशरीफ. एक साल पहले मानपुर तेतरावां गांव में दहेज हत्या का मामला सामने आया था. इस मामले . मृतका की सास फरार थी. फरार ममता देवी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
निशक्तता प्रमाणपत्र मिलेगा हाथीपांव के मरीजों को
हाथीपांव के मरीजों को अब निशक्तता प्रमाण पत्र दिया जाएगा. उनके लिए यह एक अच्छी पहल है. फाइलेरिया के कारण इस रोग से ग्रसित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इस संबंध में राज्य निशक्तता आयुक्त कौशल किशोर ने सभी जिलों के सिविल सर्जन को पत्र भेजा है. साथ ही, आवश्यक कदम उठाने का आदेश दिया है.
कहा गया है कि हाथीपांव से ग्रसित व्यक्ति एक प्रकार से दिव्यांगता का शिकार होता है. ऐसे लोग दिव्यांगजन की श्रेणी में आएंगे. उनके सामने भी जीविकोपार्जन की समस्या आ खड़ी होती है. इसे देखते हुए मरीजों की पहचान कर दिव्यांगता सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया गया है. फाइलेरिया के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि इससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा. वे अपेक्षाकृत बेहतर तरीके से जी सकेंगे. जिले में हाथीपांव के 3,714 रोगी हैं. जबकि, फाइलेरिया से 4,816 लोग पीड़ित हैं. यानि, 77 फीसद फाइलेरिया रोगी हाथीपांव से ग्रसित हैं.
वर्ष 2022 के अनुसार राज्य में लगभग 1.27 लाख लोग हाथीपांव व 17 हजार 486 हाइड्रोसील के मरीज हैं. पूरे देश में फाइलेरिया रोग का लगभग 90 प्रतिशत सिर्फ आठ राज्यों में हैं. इनमें उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और मध्यप्रदेश हैं. फाइलेरिया उन्मूलन के लिए हर साल एमडीए अभियान चलाया जा रहा है.
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