सीबीएसई 10वीं बोर्ड परीक्षा के पैटर्न व अंक बदलने को लेकर सर्कुलर जारी
मुजफ्फरपुर: अनिवार्य विषयों के साथ भाषा के अंक भी छठे विषय से बदलने का मौका मिलेगा मगर विषय शर्त के साथ यह सुविधा मिलेगी. सीबीएसई 10वी बोर्ड परीक्षा को लेकर यह निर्देश दिया गया है. छठे विषय में स्किल कोर्स रखा तो तीन इलेक्टिव विषय के अंक बदल सकेंगे वहीं भाषा के अंक बदलने को लेकर छठे विषय में स्किल विषय नहीं रखकर कोई भाषा विषय ही लेना होगा. 10वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर परीक्षा के पैटर्न, अंक, छठे विषय से अंक बदलने को लेकर बोर्ड ने सर्कुलर जारी किया है.
बोर्ड ने निर्देश दिया है कि 8वीं तक बच्चों को तीन भाषाओं की पढ़ाई कराई जाए. सीबीएसई स्कूल संगठन सहोदय के सचिव सतीश कुमार झा ने बताया कि साइंस, सोशल साइंस और मैथ इलेक्टिव विषय में आते हैं. इन विषयों में अगर छात्रों के अंक कम हैं या फेल हैं और संबंधित छात्र ने छठे विषय के तौर पर स्किल विषय को रखा है तो इसके अंक से इन तीन विषयों के अंक बदल सकते हैं. यदि कोई छात्र तीन अनिवार्य विषयों (विज्ञान, गणित और सामाजिक विज्ञान) में से किसी एक में असफल हो जाता है और कौशल विषय (छठा वैकल्पिक विषय) में उत्तीर्ण हो जाता है तो उस विषय को कौशल विषय से बदल दिया जाएगा और परिणाम दिया जाएगा. दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा की गणना इसी के तहत की जाएगी.
विषय समूह की रहेगी शर्त सहोदय के सचिव ने बताया कि इसमें भी विषय समूह की शर्त है. यदि कोई छात्र पहले पांच विषयों में से किसी भी भाषा विषय में फेल हो जाता है, तो उसे छठे विषय के रूप में ली गई भाषा (कोई कौशल विषय नहीं होने की स्थिति में) या सातवें विषय (वैकल्पिक) के रूप में बदला जा सकेगा, बशर्ते कि उसके पास भाषा विषय ही हो. इस भाषा में उत्तीर्ण और बदलाव के बाद पहले पांच विषयों में हिंदी या अंग्रेजी उत्तीर्ण भाषा के रूप में बनी रहती है.
विद्यार्थियों के लिए तीन भाषा विषयों में पास करना अनिवार्य
सभी छात्रों को आठवीं तक तीन भाषाओं को पढ़ाने का निर्देश मिला है. वे छात्र जो आठवीं कक्षा में तीसरी भाषा उत्तीर्ण नहीं कर सके और उन्हें नौवीं कक्षा में प्रमोट कर दिया गया है, उनकी कक्षा नौवीं के अंत में संबंधित स्कूलों द्वारा आठवीं कक्षा के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों में ही परीक्षा ली जाएगी. जो नौवीं कक्षा के अंत में तीसरी भाषा उत्तीर्ण करने में असमर्थ हैं, उन्हें दसवीं कक्षा में एक और अवसर दिया जा सकता है. कोई भी छात्र दसवीं कक्षा के अंत में बोर्ड की माध्यमिक विद्यालय परीक्षा में बैठने के लिए पात्र नहीं होगा, जब तक कि तीनों भाषा विषय में पास नहीं होता है