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बिहार में दिन-ब-दिन सियासत गरमाती जा रही है, विपक्ष की बयानबाजी जोरों पर है.वहीं, 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया गया है, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द की अध्यक्षता में वन नेशन वन इलेक्शन (One Nation One इलेक्शन) की एक कमेटी भी बनाई गई है. अब इसे लेकर विपक्षी दलों में जमकर विरोध हो रहा है. बता दें कि, एनडीए में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान दिया है.
उन्होंने कहा है कि, ''जब तक चुनाव होते हैं तब तक कई योजनाओं को रोकना पड़ता है. ऐसे में लाभार्थी को काफी परेशानी होती है और योजना प्रभावित होती है. इसे देखते हुए लॉ कमीशन के द्वारा 2019 में इसकी मांग की गई थी कि ''वन नेशन वन इलेक्शन'' किया जाए, जो कि अच्छा है.'' आगे चिराग पासवान ने ये भी कहा कि, ''इस सत्र पर हमारी पार्टी पूरी तरह समर्थन करेगी.'' वहीं, संसद के विशेष सत्र पर पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि, ''विशेष सत्र पांच दिनों की बुलाई गई है. इसमें क्या होगा ? यह कहना मुश्किल है.''
आपको बता दें कि, सत्र को लेकर आगे चिराग पासवान ने ये भी कहा कि, ''वन नेशन वन इलेक्शन के लिए हमारे प्रधानमंत्री लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं. पहले इस पर काफी चर्चा भी हुई है. अब इसको लेकर विशेष सत्र बुलाया गया है. अगर वन नेशन वन इलेक्शन का प्रस्ताव रखा जाता है तो हमारी पार्टी इसका पूरा समर्थन करेगी. इसमें कुछ तकनीकी बाधाएं आ सकती हैं, लेकिन इसे दूर कर लिया जाएगा.''
वहीं, इस सत्र के बाद विपक्ष द्वारा लगातार प्रधानमंत्री पर बयान आ रहे हैं कि, केंद्र सरकार डरी हुई है, जिसको लेकर चिराग पासवान ने जवाब दिया कि, ''हद हो गई है हर बात में आता है कि डरी हुई है, केंद्र सरकार घबरा रही है. हमें यह नहीं लगता है जिनकी सरकार स्थिर है, जिनका बहुमत है, वह डरे हुए हैं और जिस गठबंधन में आए दिन कभी कोई रूठ कर चले जाते हैं तो वह डरे हुए नहीं हैं.'' फिलहाल प्रधानमंत्री को लेकर विपक्ष के बयान पर और बीजेपी क्या कहती है ये तो आने वाले समय में पता चलेगा.
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