बिहार
चीन, भारत में घुसपैठ का मौका ढूंढ रहा? विधानसभा चुनाव में एसएसबी जवानों की लगी ड्यूटी, नेपाल के इलाकों में बढ़ी ड्रैगन की हलचल
Renuka Sahu
5 Feb 2022 5:11 AM GMT
x
फाइल फोटो
भारत-नेपाल के सीमाई इलाकों में खासतौर से नो मेंस लैंड पर इन दिनों चौबीसों घंटे कड़ा पहरा दिया जा रहा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। भारत-नेपाल के सीमाई इलाकों में खासतौर से नो मेंस लैंड पर इन दिनों चौबीसों घंटे कड़ा पहरा दिया जा रहा है। दरअसल, बड़ी संख्या में एसएसबी जवानों के यूपी व अन्य राज्यों के चुनाव में चले जाने के बाद नेपाल के कुछ इलाकों में चीनी हलचल तेज हो गई है। सुरक्षा एजेंसियों को जैसे ही इसकी भनक लगी, पहरा कड़ा कर दिया गया। फोर्स की कमी का फायदा कोई नहीं उठा सके, इसके लिए कई अन्य तरह की पाबंदियों के अलावा 31 मार्च तक जवानों की छुट्टी पर भी रोक लगा दी गई है।
महिला जवानों को भी मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है। नेपाल से आ रहे लोगों पर विशेष नजर रखी जा रही है। एसएसबी के डीआईजी संजय कुमार सारंगी ने बताया कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव के मद्देनजर छह कम्पनियों के सात हजार से अधिक फोर्स को वहां बुला लिया गया है। फोर्स के जाते ही चीन की हलचल नेपाल के कुछ इलाकों में तेज हुई है। फोर्स के लौटने तक 24 घंटे चप्पे-चप्पे पर कड़ी निगरानी की जा रही है। स्थिति से गृह मंत्रालय को भी अवगत कराया जा रहा है।
अररिया और सुपौल से मधुबनी तक पैनी निगाह
अररिया, सुपौल, मधुबनी के इलाकों पड़ने वाले इंडो-नेपाल बॉर्डर पर विशेष ध्यान रखने के साथ आवाजाही पर नजर रखने को लेकर 24 घंटे निगरानी की जा रही है। कमांडेंट स्तर के अधिकारी चौकसी की निगरानी कर रहे हैं। सीमाई इलाकों में धावा दल का भी गठन कर दिया गया है।
Next Story