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नई दिल्ली। पूरा भारत इस बार 74वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। गणतंत्र दिवस जैसे -जैसे नजदीक आ रहा है। इसे लेकर बच्चों की तैयारियां जोरों पर हैं। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के सम्बन्ध में गांवों और कस्बों के बच्चों का उत्साह देखने लायक होता है। विद्यालय के शिक्षक और अभिभावक सप्ताह भर पहले से बच्चों को विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों प्रस्तुत करने के लिये तैयार करना शुरू कर देते हैं।समय के साथ इन राष्ट्रीय पर्वों को मनाने के पैटर्न में भी परिवर्तन होता जा रहा है। चाहे परिषदीय विद्यालय हों या निजी विद्यालय अपनी -अपनी साधन सम्पन्नता के अनुसार इन पर्वों को मनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। परिषदीय विद्यालयों में पिछले कुछ वर्षों से कम्पोजिट ग्रांट की राशि में पर्याप्त वृद्धि होने के कारण लगभग सभी विद्यालयों में एम्प्लीफायर उपलब्ध है। पिछली शिक्षक भर्तियों में आने वाले युवा शिक्षक और शिक्षिकायें अपने बच्चों की तैयारियों में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेती हैं।देश भक्ति गीत, नाटक, डांस, एकांकी के लिए बच्चों को तैयार करने का कार्य करती हैं। निजी विद्यालयों की साधन सम्पन्नता और अभिभावकों की रूचि तो दो कदम और आगे बढ़कर है।इन विद्यालयों में राष्ट्रीय पर्वों को मनाने को लेकर आपस में प्रतिस्पर्धा रहती है।
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