बिहार
मुख्यमंत्री ने उर्दू अनुवादक एवं अन्य उर्दू कर्मियों को दिया नियुक्ति पत्र
Shantanu Roy
3 Nov 2022 6:02 PM GMT

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पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को यहां उर्दू अनुवादक एवं अन्य उर्दू कर्मियों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से सालेहा कायनात, संतोष कुमार, किरण कुमारी, नुरूस सलाम, बी जीकरा खातून, मो यहया, शबनम परवीन, अविनाश कुमार, बुशरा हबीब एवं मो जसीमुद्दीन को सांकेतिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुल 183 उर्दू अनुवादक एवं अन्य उर्दू कर्मियों को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया है। इसमें उर्दू अनुवादक, सहायक उर्दू अनुवादक, निम्नवर्गीय उर्दू लिपिक और निम्नवर्गीय हिंदी लिपिक शामिल हैं। उन्होंने सभी चयनित लोगों को बधाई दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने जब इस बात की समीक्षा की कि कितने पद सृजित हैं और कितने पर बहाली हुई है तो जानकारी मिली कि कुल स्वीकृत पद 2247 हैं, जिसमें 1294 पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सभी स्वीकृत पदों पर जल्द ही बहाली होगी। सरकार हिंदी के साथ उर्दू को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 में ही हमने कहा था कि सभी जगह उर्दू शिक्षकों के अलावा सभी स्वीकृत पदों पर बहाली की जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग उर्दू को जान सकें। नीतीश ने कहा कि पहले 1128 स्वीकृत मदरसे थे, अब 1942 मदरसों को स्वीकृति दी गयी हैं। मदरसा शिक्षकों के वेतन के साथ आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए भी सरकार सहायता दे रही है। मदरसा के शिक्षकों को पहले बहुत कम वेतन मिलता था। अब मदरसों में भी मान्यता प्राप्त शिक्षकों के बराबर पेमेंट दिया जाने लगा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार में सर्वे कराया था तो पता चला कि सबसे अधिक अल्पसंख्यक समाज और महादलित वर्ग के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इसके बाद महादलितों के लिए उत्थान केंद्र और अल्पसंख्यक समाज के लिए तालिमी मरकज की शुरुआत हुई, जिससे सभी बच्चे-बच्चियां स्कूल जाने लगी। अब आधा प्रतिशत से भी कम बच्चे स्कूल से बाहर हैं। अल्पसंख्यक महिलाओं के उत्थान के लिए हुनर कार्यक्रम चलाया गया। इसमें सीखने वाली महिलाओं के लिए सरकार ने टूल कीट्स खरीदने के लिए राशि उपलब्ध कराई। अब तक 01 लाख 13 हजार अल्पसंख्यक महिलाओं को इसके अंतर्गत काम सिखाया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड के लिए भी काम किया। शिया वक्फ बोर्ड का पटना सिटी में हॉल बन रहा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड और शिया वक्फ बोर्ड की भूमि पर बिहार के सभी जिलों में अल्पसंख्यकों के लिए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। वर्ष 2012-13 में अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना की शुरुआत की गई। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत वर्ष 2018 से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों को 10 लाख रुपये तक की सहायता दी जा रही है। वर्ष 2020 से अति पिछड़ों एवं सभी वर्ग की महिलाओं को भी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग एवं सामान्य वर्ग के युवा उद्यमियों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता दी जा रही है। सभी लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है।
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