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अधूरा रह गया चेनारी-तुर्की पथ
बिहार दो किसानों के विवाद में तुर्की-सदोखर-चेनारी पथ के अधूरा रहने से दर्जनों गांवों को लोगों को आने-जाने में परेशानियां हो रही है. महज एक किलोमीटर अधूरी सड़क रहने से तीन दर्जन गांवों के लोगों की आवागमन बाधित है.
बताया जाता है कि इस पथ की मरम्मत व कालीकरण विगत चार वर्ष पूर्व ही की गई है. लेकिन दो किसानों के जमीनी विवाद के कारण सड़क नहीं बन सकी. ऐसे में पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी हो रही है. सड़क खराब होने से इस पर कम वाहन चलते हैं. सड़क की कुल लंबाई 14 किलोमीटर है. यह सड़क चेनारी, लोधी, चंदनपुरा, तुर्की, सदोखर बसनारा तक जाती है. इस सड़क से देवडीही, सदोखर, उगहनी, हाटा पंचायत के तीन दर्जन से अधिक गांवों के लोग आते-जाते हैं. पहाड़ी क्षेत्र के लोगों का कहना है कि इस रास्ते से सदोखर से चेनारी आठ किलोमीटर पड़ती है. जबकि दूसरी तरफ से जाने पर उन्हें 14 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है. सरकार द्वारा इसके लिए टेंडर कराया गया. सड़क का कालीकरण भी किया गया है. लेकिन दो किसानों द्वारा सड़क की जमीन को अपना बता विवाद खड़ा किया जा रहा है. ऐसे में लगभग एक किलोमीटर सड़क अधूरी रह गई.
जिससे करोड़ों खर्च होने के बावजूद भी ग्रामीणों का इसका लाभ नहीं मिल रहा है. दूध व्यवसायी महुली निवासी विजय पासवान ने बताया कि सड़क की मरम्मत हो जाती तो चेनारी चार किलोमीटर में पहुंच जाते. अब हम दूध लेकर रामगढ़ से लोहरा से चेनारी जाते हैं. चंदनपुरा निवासी नेता बजरंग शुक्ला कहना है कि अगर लोगों की तबीयत खराब हो जाती है तो उन्हें दूरी का सफर तय करना पड़ता है. सरकारी स्तर पर विवाद का समाधान निकालने का प्रयास नहीं किया गया है. ऐसा किया गया होता तो ग्रामीणों को लाभ मिलता. विदित हो कि उक्त सड़क के लिए कांग्रेस नेता यमुना शुक्ला ने धरना-प्रदर्शन भी किया था. लेकिन अंचलाधिकारी द्वारा आज तक विवाद को दूर नहीं किया जा सका है. नतीजन ठेकेदार द्वारा विवादित स्थल को छोड़कर बाकी सड़कों का निर्माण करा कर राशि की निकासी कर ली गई और समस्या जस की तस बनी है. अंचलाधिकारी निशांत कुमार ने बताया कि मामले को लेकर कई बार किसानों के साथ बैठक की गई है. समस्या का हल निकाला गया है.
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