बिहार

पटना में चंडीगढ़ SIT की टीम का छापा, 13 साइबर क्रिमिनल की हो रही तलाशी

Rani Sahu
18 Oct 2022 9:22 AM GMT
पटना में चंडीगढ़ SIT की टीम का छापा, 13 साइबर क्रिमिनल की हो रही तलाशी
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पटना: इन दिनों देशभर से साइबर फ्रॉड (cyber fraud) से जुड़ी खबरे सामने आ रही है। SIT की टीम इसे लेकर लगातार देश के कोने-कोने में छापेमारी कर रही है। ताजा जानकारी के अनुसार साइबर फ्रॉड की तलाश में चंडीगढ़ SIT (Chandigarh SIT) पटना पहुंची है। 10 सदस्यीय टीम 13 साइबर फ्रॉड की बैंक खाता का डिटेल,मोबाइल नंबर को खंगाल रही है। बताया जाता है कि इस गिरोह ने चंडीगढ़ के एक दर्जन से अधिक लोगों के साथ 75 लाख से अधिक की ठगी (fraud of more than 75 lakhs) की है। चंडीगढ़ SIT ने दीघा, कदमकुआं, शास्त्रीनगर के इलाके में छापेमारी की है।
चंडीगढ़ के सेक्टर 37 ए निवासी जगदीश प्रसाद से साथ हुई ठगी
छापेमारी को लेकर SIT की टीम के एक अधिकारी का कहना है कि साइबर बदमाशों ने पुलिस व वकील बनकर चंडीगढ़ के सेक्टर 37 ए निवासी जगदीश प्रसाद यादव से 4.80 लाख रुपये की ठगी कर ली। साथ ही उन रुपये को पटना व सीवान के दो अलग-अलग एसबीआइ के खातों में डलवा लिया। इसके लिए उन्होंने कनाडा में बेटे के गिरफ्तार होने का झांसा दिया। जिन दो खातों में रकम डलवायी गयी थी, उनमें एक खाता दीघा निवासी रवि कुमार और दूसरा खाता सीवान निवासी अंबू कुमार का है। दोनों ही खातों में 2.40-2.40 लाख रुपये जगदीश प्रसाद यादव से साइबर बदमाशों ने डलवाये थे।
फोन कर परिजनों को कहा कि वीरेंद्र जेल में है
अधिकारी ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि जगदीश प्रसाद यादव का बेटा वीरेंद्र यादव और उनका दोस्त चीमा कनाडा एक निजी कंपनी में काम करते हैं। 6 जुलाई को जगदीश को साइबर बदमाशों ने कनाडा के नंबर से फोन कर बताया कि वीरेंद्र का दोस्त चीमा भारत आने वाला है। इसे लेकर उसने फिर 2 दिन बाद फोन कर बताया कि चीमा इंडिया आने वाला था लेकिन वह और उसका दोस्त वीरेंद्र गिरफ्तार हो गया है। साइबर ठगों ने परिवार वालों को कहा कि चीमा और वीरेंद्र एक दिन होटल में खाना खा रहे थे,इसी दौरान कनाडा के कुछ लोगों ने उन पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिसके बाद बहस मारपीट तक पहुंच गई। मारपीट में कनाडा के नागरिक की मौत हो गई है।
मांगे 4.80 लाख रुपए डाल
ठगों ने जमानत कराने के लिए परिजनों से कहा कि हमें पैसे की जरूरत है। व्यक्ति ने अपना नाम कुलवंत सिंह बताया और कहा कि उसने एक वकील की व्यवस्था की है जिसका नाम जगमोहन सिंह है। ठगों ने दोनों को छुड़ाने के नाम पर 2.40-2.40 लाख रुपय देने को कहा। इस पर जगदीश ने दो बैंक खातों में 4.80 लाख रुपए डाल दिए। जगदीश ने पूरी बात अपनी बेटी को बताई। बेटी ने बात की पुष्टि के लिए जब वीरेंद्र को फोन किया तो ठगी का खुलासा हुआ।
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