बिहार

Patna महाराजगंज में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेगा चंदयान-3

SANTOSI TANDI
10 Oct 2023 8:00 AM GMT
Patna  महाराजगंज में श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेगा चंदयान-3
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श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बनेगा चंदयान-3
बिहार पटना सिटी में मनोरंजन दुर्गापूजा समिति का पंडाल शुरू से आकर्षण का केन्द्र रहा है. दुर्गापूजा में हर वर्ष नए थीम पर चैलीटाल में भव्य द्वार का निर्माण किया जाता रहा है. यहां इस बार चंद्रयान-3 की आकृति का मुख्य द्वार तैयार किया जा रहा है. महाराजगंज के पास बन रहा मुख्य गेट 150 फीट ऊंचा और 20 फीट चौड़ा. आयोजनों ने बताया कि इस जीवंत पंडाल के निर्माण का जिम्मा स्थानीय कलाकारों दिया गया है. देवेन्द्र सोनी, मल्लू सिंह, राजन सिंह, विष्णु, सुमित, कृष्णा, फुद्दन मेहता चंद्रयान-3 के मॉडल को अंतिम रुप देने में जुटे हैं. पूजा समिति के लोगों ने कहा कि इससे पहले मनोरंजन पूजा समिति द्वारा नारियल, लोटा, लट्टू, नींबू, शंख, दीपक,टोकरी, काजू, बादाम, रुद्राक्ष, चटाई, ईख समेत अमृतसर के गोल्डन टेंपल और चीन के बुहान का बुद्धा टेंपल की तर्ज पर मुख्य द्वार बनाया जा चुका है. इस बार महाराजगंज और चैलीटाल इलाके में पूजा पंडाल से लेकर सड़क के दोनों छोर पर डेढ़ किमी के दायरे में सतरंगी बल्बों से सजावट भी की जाएगी. यहां आकर्षक सतरंगी बल्बों से सजावट की जाएगी. यहां 89 वर्ष से प्रतिमा स्थापित हो रही है. बताया कि वर्ष 1933 में मनोरंजन पूजा समिति की स्थापना की गई थी. तभी से हर वर्ष इस स्थान पर अनूठा और भव्य मुख्य द्वार का निर्माण कराया जाता रहा है.
आयोजक विनोद गुप्ता ने बताया कि दुर्गापूजा पर वर्ष 1933 से ही इस स्थान पर पंडाल बनाकर मां की आराधना की जाती है. पिछले कुछ वर्षों में यहां आने वाले भक्तों की संख्या आठ लाख से पार कर गयी है. बढ़ती महंगाई को देखते हुए पूजा का बजट भी पिछले साल से बढ़ाया गया है. पहले आयोजन पर 15 से 20 लाख रुपये खर्च होता था. इस बार पूजा का बजट 20 से 25 लाख तक जाने का अनुमान है. इसे पूजा समिति के सदस्यों, महाराजगंज के व्यवसायी बंधु और स्थानीय निवासियों की ओर से प्रायोजकों के सहयोग से पूरा किया जाता है. आयोजन समिति के संरक्षक प्रमोद गुप्ता ने बताया कि दुर्गापूजा के दौरान पंडाल में लाखों लोगों के बीच प्रसाद का वितरण किया जाता है. मइया का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के बीच दुर्गापूजा के सप्तमी तिथि को खीर, अष्टमी को पूड़ी-हलवा और नवमी को खिचड़ी प्रसाद का वितरण किया जाता है. वहीं विशिष्ट अतिथियों को मिट्टी की हांडी में मां का प्रसाद व चुनरी भेंट किया जाता है.
ईको फ्रेंडली प्रतिमा
नागेन्द्र पांडे ने बताया कि इस बार निर्मल गंगे अविरल गंगे को ध्यान में रखते हुए ईको फ्रेंडली प्रतिमा बन रही है. मां के मुकुट से लेकर गहने, वस्त्रत्त् व सामान मिट्टी के ही बने होंगे. वहीं विसर्जन शोभायात्रा के लिए पंजाब से भांगड़ा बैंड की टीम बुलायी गयी है.
मां के सौम्य रूप की होती है आराधना
पंडाल में विराजित मां दुर्गा की प्रतिमा सौम्य स्वरूप में होती है, जहां मां दुर्गा लक्ष्मी, मां सरस्वती, गणेश, कार्तिकेय के साथ महिषासुर का वध करती दिखेंगी. 16 फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा तैयार की जा रही है. इसके अलावा पंडाल में श्रद्धालुओं के लिए सेल्फी कार्नर भी बनाया जा रहा है. बंगाल के मूर्तिकार बबलू पाल, तापोश पाल अपने सहयोगियों के साथ मां की प्रतिमा को तैयार करने में लगे हैं. पच्चीस वर्षों से बनारस के आचार्य रविकांत पांडे अपने सहयोगियों के साथ पूजा का अनुष्ठान कराते आ रहे हैं.
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