बिहार

जिले में तय अवधि में सीएमआर जमा करना चुनौती

Admin Delhi 1
5 April 2023 12:30 PM GMT
जिले में तय अवधि में सीएमआर जमा करना चुनौती
x

बक्सर न्यूज़: जिले में धान अधिप्राप्ति की अवधि खत्म होने के बाद अब सीएमआर की प्राप्ति चुनौती बन गई है. आलम यह है कि सीएमआर जमा करने की अवधि 31 जुलाई निर्धारित है, परंतु अभी तक तकरीबन 40 प्रतिशत सीएमआर जमा हुआ है. हालांकि विशेष परिस्थिति में सीएमआर प्राप्त करने की अवधि 31 अगस्त तक बढ़ाई जा सकती है.

बता दें कि सहकारी समितियों को इस बार लक्ष्य का 21 प्रतिशत अरवा व 79 प्रतिशत उसना सीएमआर जमा करना है. उसना सीएमआर का लक्ष्य लगभग प्राप्त हो गया है. परंतु उसना राइस मिल की संख्या व चावल उत्पादन की क्षमता कम होने से सीएमआर का लक्ष्य पाना मुश्किल हो गया है. विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक जिले को 1,17,229 एमटी सीएमआर का लक्ष्य मिला है. जिसमें से अभी तक तकरीबन 41 हजार एमटी सीएमआर जमा हुआ है.

सीएमआर जमा करने की गति धीमी सीएमआर जमा करने की गति काफी धीमी है.

धान अधिप्राप्ति करने वाली कुल 133 में से 81 समितियों द्वारा सीएमआर जमा करने की चाल सुस्त है. हालांकि अगले 15 अप्रैल तक कुछ अन्य उसना राइस मिलों को संबद्ध होने की उम्मीद जगी है. जिससे सीएमआर जमा करने में तेजी आएगी. अभी तक केवल चार उसना राइस मिलों को टैग किया गया है, लेकिन दो-तीन अतिरिक्त उसना राइस मिलों को विभाग द्वारा हरी झंडी मिलने की संभावना है.

अधिप्राप्त के लक्ष्य पूरा होने पर होती परेशान

चालू खरीफ विपणन वर्ष में जिले में धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 1,77,229 एमटी तय किया गया था, जिसके खिलाफ मात्र 1,58,757.114 एमटी धान अधिप्राप्ति हुई है. धान अधिप्राप्ति की जिम्मेवारी 133 समितियों को मिली है. ऐसे में माना जाता है कि यदि लक्ष्य के अनुरूप धान की खरीद होती तो सीएमआर को लेकर और परेशानी होती.

पैक्स प्रबंधन की बढ़ी चिंता

सीएमआर जमा करने में आ रही अड़चन के कारण सहकारी समितियों की चिंता बढ़ती जा रही है. अधिप्राप्ति के लिए मुहैया कराई गई सीसी की राशि पर ब्याज बढ़ता जा रहा है. पैक्स अध्यक्षों का कहना है कि सीएमआर जमा करने के बाद ही राज्य खाद्य निगम द्वारा राशि मुहैया कराई जाती है. ऐसे में सीएमआर जमा करने में हो रही देरी उनके लिए मुसीबत बनती जा रही है.

Next Story