बिहार

Bihar दक्षता परीक्षा में शामिल अधिक नियोजित शिक्षक प्रमाण पत्र हैं गायब

Apurva Srivastav
10 July 2024 3:44 AM GMT
Bihar दक्षता परीक्षा में शामिल अधिक नियोजित शिक्षक प्रमाण पत्र हैं गायब
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Bihar Competency Test: बिहार दक्षता परीक्षा (Bihar Efficiency Examination) पास करने वाले 300 से अधिक नियोजित शिक्षक प्रमाण पत्र सत्यापन से गायब हैं। मुख्यालय में गठित टीम ने मुजफ्फरपुर समेत सभी जिलों को ऐसे शिक्षकों की सूची भेजी है। जिलों को उनकी विद्यालय उपस्थिति पर नजर रखने को कहा गया है। संभावना है कि जांच से गायब शिक्षक फर्जी हों। दक्षता परीक्षा में शामिल नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन के दौरान एक ही टीईटी सूची क्रमांक पर दो अभ्यर्थियों के अलग-अलग जिलों में कार्यरत होने का मामला प्रकाश में आया। राज्य में करीब 600 शिक्षकों की सूची प्रकाशित की गई थी। इन शिक्षकों को मूल कागजात के साथ मुख्यालय में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया था। दूसरे स्तर के अनुसंधान में 53 शिक्षकों ने औपबंधिक सफाई पत्र प्राप्त किया। अब तक 100 से अधिक अभ्यर्थियों को औपबंधिक सफाई पत्र मिल चुका है। फिलहाल 53 शिक्षकों की सूची मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) समेत अन्य जिलों को भेजी गई है। जांच टीम में शामिल अधिकारी ने बताया कि गायब शिक्षक विद्यालय में हैं या नहीं, इसकी जांच डीईओ करेंगे। उनका प्रमाण पत्र भी जिले में है, इसका भी सत्यापन किया जाएगा। डीईओ की रिपोर्ट के बाद ही निर्णय लिया जाएगा।
यदि शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित पाए गए तो उन्हें फर्जी घोषित किया जाएगा। यदि ये शिक्षक जांच कराने नहीं आए हैं और न ही स्कूल में हैं तो माना जाएगा कि वे फर्जी हैं। एक अधिकारी ने बताया कि एक ही रोल नंबर के जिन दो शिक्षकों की पहचान की गई थी, उनके दस्तावेज दो स्तर के सत्यापन में सही पाए गए और उन्हें प्रोविजनल क्लीयरेंस स्लिप दे दी गई। पूरी तरह से क्लीन शीट नहीं मिली है। डीईओ की रिपोर्ट (DEO's report) के बाद होगा निर्णय जांच टीम में शामिल अधिकारी ने बताया कि प्रमाण पत्र सत्यापन में गायब शिक्षकों की सूची सभी जिलों को भेज दी गई है। डीईओ जांच करेंगे कि ये शिक्षक स्कूल में हैं या नहीं। आपका प्रमाण पत्र (certificate) भी जिले में है, उसका भी सत्यापन होगा। डीईओ की रिपोर्ट के बाद ही निर्णय लिया जाएगा। यदि शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित पाए गए तो उन्हें फर्जी घोषित किया जाएगा। यदि ये शिक्षक जांच कराने नहीं आए हैं और न ही स्कूल में हैं तो माना जाएगा कि वे फर्जी हैं। प्रमाण पत्र देख अधिकारी भी दंग रह गए। जांच के दौरान जब एक ही पेरोल नंबर पर बहाल दोनों शिक्षकों के पास न सिर्फ टीईटी बल्कि मैट्रिक और इंटर का भी एक ही सर्टिफिकेट आया तो अधिकारी भी दंग रह गए। दोनों अभ्यर्थियों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र (educational certificates) भी एक जैसे थे। इनमें से 50 से ज्यादा अभ्यर्थियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस मामले में जिले में आधा दर्जन शिक्षक पकड़े जा चुके हैं।
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