मुंगेर: केंद्र सरकार के मिशन मोड के तहत जिला में मोतियाबिंद आंख का ऑपरेशन का टारगेट पूरा नहीं हो सका. वर्ष के नवंबर से दिसंबर तक करीब 35 हजार वरिष्ठ नागरिक का सरकारी अस्पताल से लेकर सरकारी दर पर निजी नर्सिंग होम में मोतियाबिंद का आपरेशन करने का निर्देश दिया गया था. मगर जिला स्वास्थ्य महकमा की उदासीनता से सरकारी रेट पर अधिक से अधिक निजी आई क्लिनिक को इस योजना से नहीं जोड़े जाने के कारण जिला में मात्र 2 वरिष्ठ नागरिकों का ही मोतियाबिंद का आपरेशन हो सका.
दो हजार सरकार के द्वारा प्रति मरीज डॉक्टर को मिलना था दो हजार की राशि सरकार से प्रति मरीज डॉक्टर को मिलनी थी. इसी राशि में ऑपरेशन से लेकर चश्मा तक देना था. जिसको लेकर कुछ डॉक्टरों ने इस मोतियाबिंद ऑपरेशन में रुचि नहीं दिखाया. क्योंकि पहले से ही लाखों रुपया मोतियाबिंद ऑपरेशन का जिला स्वास्थ्य समिति पर बकाया है. इसको लेकर महराजा हरेंद्र किशोर सिंह अस्पताल सहित अन्य इस योजना से नहीं जुड़े.
साथ ही जोड़ने को लेकर स्वास्थ्य प्रशासन ने रुचि भी नहीं दिखाया. नतीजतन मात्र तीन डॉक्टरों के क्लिनिक तक ही मोतियाबिंद आपरेशन सिमट कर रह गया. बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता के कारण पिछले वर्ष जिला से करीब एक हजार से अधिक मोतियाबिंद के रोगी जिला के डॉक्टर मेजर ए बी सिंह क्लिनिक,
महराजा हरेंद्र किशोर सिंह अस्पताल सहित नेपाल में मोतिया बंद का आपरेशन कर रहे हैं.
डॉक्टरों का नहीं हो सका है भुगतान जानकर बताते हैं कि जो डॉक्टर मोतियाबिंद का ऑपरेशन भी किया है उसका भी आज तक भुगतान नहीं हो सका है. इसको लेकर डॉक्टरों में भी उदासीनता देखी जा रही है. बताते हैं कि इसको लेकर डॉक्टरों ने भी राज्य स्वास्थ्य समिति से भुगतान करने के लिए अनुरोध किया है. इसको लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिला अंधापन विभाग को एक पत्र लिख कर मोतियाबिंद करने वाले डॉक्टर का नाम मोबाइल नंबर के साथ साथ मरीज का हुए ऑपरेशन का भी नाम व मोबाइल नंबर भेजने के निर्देश तीन दिन के अंदर देने को कहा है.