बक्सर न्यूज़: बिहार के वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि केन्द्र सरकार को चाहिए कि वह रोहिणी आयोग की रिपोर्ट को शीघ्र प्राप्त कर जारी करे.साथ ही बिहार सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए जाति आधारित गणना या जनगणना कराने की पहल करे।
चौधरी ने जारी बयान में कहा है कि रोहिणी आयोग के प्रतिवेदन के संबंध में मीडिया में जो खबरें आई हैं, वह बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित गणना कराने का औचित्य देता है.मोदी सरकार ने ही अक्टूबर, 2017 में दिल्ली की पूर्व मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय आयोग का गठन किया था.इसका मुख्य उद्देश्य पिछड़े वर्गों के लिए निर्धारित आरक्षण के लाभ में विभिन्न जातियों की हिस्सेदारी का अध्ययन करना था.रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न जातियों में आरक्षण के लाभ का फैलाव न्यायसंगत नहीं रहा है, जिसके लिए आयोग ने इस वर्ग को चार उप-वर्गों में विभाजित कर सभी के लिए अलग-अलग आरक्षण प्रतिशत निर्धारित करने की सिफारिश की है.यह कार्य अलग-अलग जातियों के सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण के बगैर कैसे किया जा सकता है।
चौधरी ने कहा कि जातीय गणना का उद्देश्य यही रहा है कि सभी जातियों के लोगों की सही संख्या और सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का विश्वसनीय आकलन हो सके.इसी सिलसिले में 21 अगस्त, 2021 को सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पीएम से मिला था, जिसमें रोहिणी आयोग पर चर्चा हुई थी.केंद्र ने तो इस अनुरोध को ठुकरा दिया.जातिगत गणना का मामला भी अभी कोर्ट में है।