
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीआई) अधिनियम, 1946 की धारा 6 के अनुसार, सीबीआई को अपने अधिकार क्षेत्र में जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकाों से सहमति की आवश्यकता होती है।
बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं ने रविवार को सीबीआई को जांच के लिए दी गई सामान्य सहमति को वापस लेने का आह्वान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एजेंसी का इस्तेमाल कर रही है।
दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीआई) अधिनियम, 1946 की धारा 6 के अनुसार, सीबीआई को अपने अधिकार क्षेत्र में जांच करने के लिए संबंधित राज्य सरकाों से सहमति की आवश्यकता होती है।
पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, राजस्थान, पंजाब और मेघालय सहित नौ राज्यों ने अपने अधिकार क्षेत्र में मामलों की जांच के लिए सीबीआई के लिए सामान्य सहमति वापस ले ली है।
राजद नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि भाजपा राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए जिस तरह केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है, बिहार में महागठबंधन सरकार को सीबीआई को दी गई सहमति वापस लेनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि इसके अलावा राज्य सरकार को केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए न्यायपालिका से संपर्क करने का विकल्प भी तलाशना चाहिए। उन्होंने कहा, मुझे कहना होगा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों ने राजग शासन के दौरान अपनी विश्वसनीयता खो दी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जद (यू) ने कहा कि सीबीआई से आम सहमति वापस लेने का यह सही समय है। वहीं राज्य के मंत्री मदन साहनी ने कहा, जिस तरह से सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग जैसी केंद्रीय एजेंसियों का विपक्षी नेताओं की छवि खराब करने के लिए दुरुपयोग किया जा रहा है, बिहार के लोग देख रहे हैं वे उचित समय पर करारा जवाब देंगे।
भाकपा माले (एल) के विधायक महबूब आलम ने दावा किया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि राज्यों में गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के लिए केंद्र द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने कहा, सभी केंद्रीय जांच एजेंसियां राजनीतिक उद्देश्यों से काम कर रही हैं और वे कभी भी भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती हैं। बिहार में हमारी महागठबंधन सरकार को राज्य में एजेंसी की शक्तियों को कम करते हुए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति तुरंत वापस लेना चाहिए।
वहीं माकपा विधायक अजय कुमार ने भी कहा कि बिहार सरकार को सीबीआई से अपनी सहमति तुरंत वापस लेनी चाहिए।
बिहार कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि भाजपा नेताओं के खिलाफ एजेंसियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं देखी जा सकती है। उन्होंने कहा, केंद्र में राजग सरकार तानाशाह है और वह केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश करती है। यह अब रुक जाना चाहिए और बिहार सरकार को सीबीआई से अपनी सहमति वापस लेनी चाहिए।
नाम न छापने की शर्त पर राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि बिहार सरकार ने सीबीआई को दी गई सहमति को वापस लेने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।