कटिहार न्यूज़: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) और आईसीएसई के 11वीं में नामांकन की संख्या लगातार कम हो रही है. 2018 से 2022 तक हर साल 25 से 30 फीसदी छात्र कम हुए हैं. जितने छात्र दसवीं में उत्तीर्ण होते हैं, उसमें से 25 फीसदी से अधिक छात्र अपने बोर्ड में नामांकन नहीं लेते हैं. सीबीएसई की बात करें तो डेढ़ लाख से अधिक छात्र-छात्राएं दसवीं बोर्ड परीक्षा में शामिल होते हैं. लेकिन इनमें से 50 ही सीबीएसई स्कूल में नामांकन लेते हैं. शेष या तो बिहार बोर्ड या फिर अन्य राज्य के स्कूलों में शिफ्ट कर जाते हैं. बता दें कि पिछले पांच साल में 11वीं में नामांकन की संख्या कम हुई है. 2018 की बात करें तो पूरे बिहार में सीबीएसई से एक लाख छात्र दसवीं बोर्ड की परीक्षा पास की. इनमें से 90 हजार 765 छात्रों ने सीबीएसई स्कूल में ही दाखिला लिया. दूसरी तरफ 2019 में एक लाख दस हजार छात्र -छात्राओं ने सीबीएसई बोर्ड से दसवीं परीक्षा पास की, जिनमें से 86 हजार 544 छात्र-छात्राओं ने सीबीएसई में नामांकन लिया. कई नामी स्कूलों की सीटें 2022 में रह गयीं खाली
दसवीं के बाद पसंदीदा स्कूल में नामांकन लेने के लिए छात्र कभी परेशान रहते थे, लेकिन अब कई बड़े स्कूलों में सीटें नहीं भर पाती हैं. कुर्जी स्थित एक स्कूल में 2022 में 11वीं में 256 में 24 सीटें खाली रह गयीं. वहीं पाटलिपुत्र स्थित एक स्कूल में 240 में 40 सीटें खाली रह गयीं. यह स्थिति किसी एक स्कूल की नहीं बल्कि राजधानी के ज्यादातर स्कूलों की है.