बिहार

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पकड़ रहे टैक्स चोरी

Admin Delhi 1
31 July 2023 5:11 AM GMT
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पकड़ रहे टैक्स चोरी
x

मुजफ्फरपुर न्यूज़: आयकर विभाग अब तक की सबसे नई तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग टैक्स चोरी को पकड़ने के लिए कर रहा है. वैसे लोग जो टैक्स के दायरे में आते हैं और गलत आईटीआर भरकर क्लेम ले रहे हैं, विभाग ऐसे लोगों की सूची बनाने के लिए एआई की मदद ले रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार देश के एक लाख से अधिक ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता का गलत दिव्यांगता प्रमाणपत्र देकर 80-डी और 80-डीडी के तहत मेडिक्लेम का पैसा उठाया है. इसी तरह 80-सी के तहत निवेश के एवज में मिलने वाले 1.5 लाख रुपये, 10(13) के तहत हाउसिंग रेंट अलाउंस, 80-जी के तहत दान आदि में गड़बड़ी की बात सामने आई है. अब विभाग ऐसे फर्जीवाड़ा को पकड़ने के लिए तकनीकी मदद ले रही है.

सीए आदित्य तुलस्यान ने बताया कि कोरोना के बाद से सरकार ने डिजिटलाइजेशन पर काफी काम किया है. इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय डिजिटल ट्रांजेक्शन होने के कारण कंपनी के स्तर पर फर्जी दस्तावेज जमा करना मुश्किल है, क्योंकि उसका फिजिकल वेरिफिकेशन कंपनी खुद भी कर लेती है. बावजूद इसके जब भी कोई बिल जैसे हाउस रेंट, डोनेशन, इंवेस्टमेंट आदि का जमा होता है तो एक जैसा पैटर्न होने पर एआई इसे पकड़ लेता है और फिजिकल वेरिफिकेशन में ऐसे मामले सामने आ जाएंगे.

लगेगा जुर्माना:

● कोरोना के बाद सरकार का है डिजिटलाइजेशन पर जोर

● आईपी एड्रेस चेक कर रहा, सीए पर भी कार्रवाई की तैयारी

● फर्जी दस्तावेज के साथ आईटीआर भरने पर लगेगा पेनाल्टी

आइपी एड्रेस पर भी विभाग की है नजर

सीए गोपाल तुलस्यान ने बताया कि गलत दस्तावेज के साथ आइटीआर भरे जाने में विभाग यह देख रहा है कि क्या यह किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की ओर से भरा गया है या फिर व्यक्ति ने खुद भरा है. गड़बड़ी को पकड़ने के लिए कंप्यूटर, लैपटॉप या मोबाइल का आइपी एड्रेस भी चेक किया जा रहा है.

200 फीसदी पेनाल्टी का प्रावधान

आयकर विभाग रिटर्न भरने में गड़बड़ी मिलने पर 200 फीसदी पेनाल्टी के साथ टैक्स वसूलता है. यदि आपकी कमाई पर 100 रुपये का टैक्स बनता है और आपके रिटर्न में दस्तावेजों की गड़बड़ी पाई जाती है तो पेनाल्टी के साथ आपको 100 रुपये टैक्स के और 200 रुपये पेनाल्टी के टैक्स भरने होंगे.

Next Story