बिहार

Caste equations of Bihar in Modi cabinet: भूमिहार, ब्राह्मण, OBC और दलित मोदी कैबिनेट में बिहार के जातिगत समीकरण

Suvarn Bariha
10 Jun 2024 6:13 AM GMT
Caste equations of Bihar in Modi cabinet: भूमिहार, ब्राह्मण, OBC और दलित मोदी कैबिनेट में बिहार के जातिगत समीकरण
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Caste equations of Bihar in Modi cabinet: नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में एनडीए सरकार बन गई है और दस साल बाद केंद्र में बिहार की सियासी धमक बढ़ गई है. मोदी मंत्रिमंडल में बिहार के मंत्रियों की संख्या छह से बढ़कर आठ हो गई है. मोदी सरकार 3.O में बिहार से आठ मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें 4 कैबिनेट और चार केंद्रीय राज्यमंत्री पद की शपथ ली है. बीजेपी कोटे से 4 मंत्री बने हैं, तो 4 मंत्री पद सहयोगी दलों के हिस्से में गए हैं. जेडीयू से दो, एलजेपी (आर) से एक और हम पार्टी के इकलौते सांसद जीतनराम मांझी को मंत्री बनाया गया है. पीएम मोदी ने बिहार के जातीय समीकरण के साथ क्षेत्रीय बैलेंस बनाने की कवायद की है, लेकिन दक्षिण बिहार क्षेत्र में राजपूतों की एनडीए से बगावत महंगी पड़ी. मोदी सरकार 3.O में बिहार के राजपूतों को प्रतिनिधित्व नहीं मिला.
बिहार से किसी राजपूत और किसी कुर्मी समुदाय को मोदी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है. मोदी सरकार के पिछले दो कार्यकाल में आरके सिंह केंद्र में मंत्री रहे हैं, लेकिन इस बार आरा सीट से चुनाव हार गए. बीजेपी, जेडीयू और एलजेपी किसी भी पार्टी के कोटे से एक भी राजपूत सांसद को मंत्रिमंडल में सम्मिलित नहीं किया गया. इतना ही नहीं बिहार की सियासत में अहमियत रखने वाली कुशवाहा और कुर्मी समाज को भी जगह नहीं मिल सकी.
यादव और अति पिछड़ा वर्ग पर जोर
राज्य में आरजेडी के कोर वोटबैंक यादव समुदाय में सेंधमारी के लिए बीजेपी ने यादव समाज से आने वाले नित्यानंद राय को एक बार फिर से मोदी कैबिनेट में जगह दी है. बिहार की उजियारपुर सीट से जीतने वाले नित्यानंद राय केंद्र में राज्य मंत्री बनाए गए. नित्यानंद राय मोदी सरकार के कार्यकाल में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री रह चुके हैं. बिहार में 16 फीसदी के करीब यादव समुदाय की आबादी है, जिसके चलते बीजेपी ने नित्यानंद राय को मौका देकर सियासी समीकरण साधने का दांव चला है.
बिहार में अति पिछड़ा वर्ग निर्णायक भूमिका में है, जिसकी आबादी करीब 36 फीसदी के करीब है. जेडीयू कोटे से राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर को मंत्री बनाया जा रहा है, जो पूर्व सीएम और भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर के बेटे हैं. रामनाथ ठाकुर नाई जाति से आते हैं, जो अति पिछड़ा वर्ग में है. रामनाथ समस्तीपुर के रहने वाले हैं. इसके अलावा बीजेपी कोटे से राज भूषण चौधरी को मंत्री बनाया जा रहा है, जो मल्लाह समाज से आते हैं. मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर पहली बार सांसद राज भूषण चौधरी को केंद्र में मंत्री बनाया जा रहा है.
दलितों को साधने की स्ट्रैटेजी
बिहार की दलित पॉलिटिक्स को देखते हुए मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में राज्य से दो दलित मंत्री बनाए गए हैं. एलजेपी (आर) के चिराग पासवान और HAM जीतनराम मांझी कैबिनेट मंत्री बने हैं. एलजेपी (आर) के अध्यक्ष और हाजीपुर से जीतकर आने वाले चिराग पासवान को पहली बार मोदी कैबिनेट में जगह मिली है और हम पार्टी के सर्वेसर्वा और गया सुरक्षित सीट

बिहार में साधा जातीय समीकरण

मोदी कैबिनेट में बिहार से जिन आठ नेताओं को मंत्री बनाया गया है, उसमें सवर्ण, दलित और अति पिछड़ा वर्ग को बराबर हिस्सेदारी दी जा रही है. अन्य पिछड़ा वर्ग से तीन मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें एक ओबीसी और दो अति पिछड़ा वर्ग से हैं. दलित समाज से दो मंत्री बनाए गए हैं, जिसमें सूबे की दलित और महादलित दोनों को शामिल किया गया है. बिहार में सवर्ण वोटर बीजेपी का कोर वोट बैंक माना जाता है, जिसके लिहाज से मोदी सरकार में भूमिहार समुदाय से दो और ब्राह्मण समाज से एक मंत्री बनाया गया है.

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