बिहार

माफिया राजन तिवारी पर मुकदमा दर्ज, संपत्तियों को जब्त करने में जुटी पुलिस

Rani Sahu
22 Aug 2022 10:56 AM GMT
माफिया राजन तिवारी पर मुकदमा दर्ज, संपत्तियों को जब्त करने में जुटी पुलिस
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माफिया राजन तिवारी पर मुकदमा दर्ज
गोरखपुर: डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला का करीबी माफिया और पूर्व विधायक माफिया राजन तिवारी के खिलाफ रविवार देर रात गोरखपुर की कैंट पुलिस ने एक और केस दर्ज किया है. राजन तिवारी ने बीते गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद कचहरी से जेल जाते वक्त पुलिस वालों को गाली दी थी. इतना ही नहीं, पुलिस के विरोध करने पर राजन ने जेल से छूटकर आने पर जान से मारने की धमकी भी दी थी. पुलिस की गाड़ी के पीछे चल रहे माफिया के समर्थकों ने सिपाहियों के रोकने पर उनसे धक्का -मुक्की भी कर ली थी. SSP के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज हुआ है.
राजन के जेल जाने के बाद पुलिस वालों ने इसकी शिकायत SSP से की: SSP डॉ.गौरव ग्रोवर ने इस मामले में तत्काल केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. कैंट थाने में तैनात सिपाही जय प्रकाश यादव, शरद, सौरभ और सुजीत की तहरीर पर माफिया राजन तिवारी के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सिपाहियों को धमकी देने का केस दर्ज किया है. थाना प्रभारी को दी गई तहरीर में पुलिसवालों ने लिखा है कि, 18 अगस्त की शाम को गगहा के सोहगौरा निवासी राजन तिवारी हाल मुकाम तारामंडल, खोराबार को न्यायालय में पेश करने के बाद लोग जिला कारागार ले जा रहे थे. कचहरी से निकलते ही माफिया राजन तिवारी ने पुलिस को गाली दी. विरोध करने पर कहने लगा कि, तुम लोग मुझे जेल ले जा रहे हो, निकलने के बाद किसी को छोडूंगा नहीं. सरकारी वाहन के आगे-पीछे माफिया राजन तिवारी के समर्थक भी चल रहे थे. विरोध करने पर हाथापाई करने पर उतारु हो गए. वह पुलिसकर्मियों को डराने के साथ ही सरकारी कार्य में बाधा डाल रहे थे.
दरअसल, राजन तिवारी मोतिहारी के गोविंदगंज से विधायक रहा है. उसके खिलाफ बिहार और यूपी में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. अकेले गोरखपुर में उस पर करीब 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं. वह कैंट थाने में दर्ज गैंगेस्टर के मुकदमे में वांछित था और करीब 60 NBW कोर्ट से जारी था. गोरखपुर पुलिस ने उस पर 20 हजार का इनाम भी घोषित किया था. बीते 18 अगस्त को गोरखपुर पुलिस ने बिहार पुलिस की मदद से राजन तिवारी रक्सौल के हरैया ओपी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. वह नेपाल भागने की फिराक में था. इसके बाद पुलिस उसे गोरखपुर लाई और कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया. हालांकि जेल जाने के 24 घंटे के अंदर ही राजन को गोरखपुर जेल से फतेहगढ़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है.
सोहगौरा गांव निवासी राजन तिवारी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लखनऊ में भाजपा की सदस्यता ली थी. इस पर विवाद होने के बाद पार्टी ने राजन को साइड लाइन कर दिया था. हालांकि राजन तिवारी ने खुद को भाजपा नेता ही बताया. इससे पहले उन्होंने 2016 में BSP भी ज्वाइन की थी. राजन तिवारी की प्रारम्भिक शिक्षा भी गोरखपुर में हुई थी. युवा अवस्था में राजन तिवारी ने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. 90 के दशक के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला के संपर्क में आने के बाद राजन तिवारी का नाम कई अपराधों में सामने आया.
राजन तिवारी की संपत्ति खंगाल रही पुलिस: माफिया राजन तिवारी पर पुलिस अभी और शिकंजा कसेगी. 'ऑपरेशन शिकंजा' के तहत गोरखपुर पुलिस राजन पर बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में लगी है. राजन की संपत्तियों की भी जांच शुरू करा दी गई है. इसके लिए राजस्व विभाग से भी राजन की बेनामी संपत्तियों की रिपार्ट मांगी गई है. पुलिस को सूचना मिली है कि, राजन तिवारी ने बिहार के अलावा गोरखपुर में काफी अधिक रुपये इनवेस्ट किए हैं. हालांकि, कहा जा रहा है कि, राजन की गोरखपुर में कोई भी संपत्ति अपने नाम नहीं है,बल्कि राजन ने शहर के कई कानवेंट स्कूलों और प्रापर्टी के में अपने रुपये लगाए हैं.
ऐसे में अब पुलिस अब उससे जुड़े सभी घोषित और अघोषित संपत्तियों का ब्योरा जुटा रही है. ताकि उसपर कार्रवाई की जा सके. दरअसल, राजन तिवारी का नाम यूपी के टॉप 61 माफियाओं की लिस्ट में शामिल है. बावजूद इसके पुलिस उसे लेकर अब तक पूरी तरह लापरवाह बनी रही. पुलिस की लापरवाही और मिलीभगत का खेल सामने आने के बाद अब इस मामले की मॉनिटरिंग सीधा मुख्यमंत्री कार्यालय से हो रही है.
​करीबियों की भी बन रही लिस्ट: इसके अलावा पुलिस राजन तिवारी के करीबियों और उसके जमानतदारों की भी लिस्ट तैयार कर रही है, ताकि उन पर भी शिकंजा कसा जा सके. पुलिस राजन के अन्य मामलों के जमानतदारों पर सख्ती कर उसकी बाकी मामलों में भी जमानत खारिज कराएगी. राजन के खिलाफ पुलिस की सख्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि, पुलिस राजन का सिर्फ घमंड ही नहीं, बल्कि उसकी दहशत भी खत्म कर रही है. अब तक राजन तिवारी 50 से अधिक गाड़ियों के काफीला में वॉकी-टॉकी और असलहों से लैस प्राइवेट कमांडो के साथ चलते देखा जाता था. लेकिन, गुरुवार को रक्सौस से गिरफ्तार कर गोरखपुर लाए जाने के दौरान ही उसके दहशत को खत्म करने का काम शुरू कर दिया गया था.
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