बिहार

लोकसभा चुनाव में चार दशक बाद चौधरी परिवार के बाहर का उम्मीदवार

Admindelhi1
2 April 2024 6:03 AM GMT
लोकसभा चुनाव में चार दशक बाद चौधरी परिवार के बाहर का उम्मीदवार
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पिछले दस वर्षों से चौधरी परिवार बागपत सीट से बेदखल है

बक्सर: चौधरी चरण सिंह के रूप में देश को गृह मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक देने वाली बागपत सीट को चौधरी परिवार का गढ़ माना जाता रहा है, लेकिन इस लोकसभा चुनाव में इस सीट पर चौधरी परिवार से कोई भी प्रत्याशी नहीं है. पिछले दस वर्षों से चौधरी परिवार बागपत सीट से बेदखल है. पिछले दो चुनावों में भाजपा नेता डॉ. सत्यपाल सिंह ने पहले छोटे चौधरी अजित सिंह और फिर उनके पुत्र जयंत चौधरी को हराकर नया इतिहास रच दिया था.

इस बार भाजपा से गठबंधन के चलते यह सीट रालोद के खाते में गई है. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने यहां से राजकुमार सांगवान को चुनाव मैदान में उतारा है. जयंत का यह फैसला इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि करीब 47 साल बाद इस सीट पर चौधरी परिवार से बाहर का उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है. वहीं राजग-रालोद गठबंधन के कारण 34 वर्ष बाद भाजपा का यहां कोई प्रत्याशी नहीं है. बसपा ने बागपत सीट से प्रवीण बैंसला को उम्मीदवार बनाया है.

जाटलैंड की सबसे अहम सीट बागपत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाटलैंड की सबसे अहम सीट है. पंचायत, खापों और जाट मतदाताओं के कारण इस सीट पर सभी की निगाहें रहती हैं. राष्ट्रीय स्तर पर यह सीट काफी चर्चित रहती है. पहले यहां सुरक्षा के विशेष प्रबंध होते थे. इस सीट पर पहले कांग्रेस का दबदबा था, लेकिन जब चौधरी चरण सिंह ने हाथ का साथ छोड़ा तो पार्टी जीत को तरस गई. 1991 में पहली बार भाजपा ने इस सीट पर किस्मत आजमाई थी. इसके बाद 1998 के आम चुनाव में सोमपाल शास्त्रत्त्ी ने चौधरी अजित सिंह को हराकर पहली बार यहां कमल खिलाया था. हालांकि सालभर बाद ही हुए चुनाव में छोटे चौधरी ने फिर बाजी पलट दी. इस सीट पर चौधरी चरण सिंह तीन बार और उनके पुत्र चौधरी अजित सिंह छह बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. 1984 के चुनाव में चौधरी चरण सिंह के सामने राजनारायण सिंह ने पर्चा दाखिल कर मुकाबले को चर्चा में लाया था. यह भी दिलचस्प है 57 वर्षों में 14 बार हुए आम चुनावों में 13 बार जाट जाति के नेता ने ही जीत दर्ज की है.

रघुवीर सिंह शास्त्रत्त्ी थे बागपत के पहले सांसद 1967 में बागपत सीट पर पहली बार हुए लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रघुवीर सिंह शास्त्रत्त्ी पहले सांसद बने. उन्होंने कांग्रेस के केसी शर्मा को भारी वोटों से हराया था. शास्त्रत्त्ी 1,54,518 वोट पाकर जीते, वहीं केसी शर्मा 66,960 वोट अपने लिए जुटा पाए.

डॉ. सत्यपाल ने अजित और जयंत दोनों को हराया 14 में हुए आम चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर बाजी मारी थी. भाजपा ने मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर डॉ. सत्यपाल सिंह को यहां से उतारा. उन्होंने चौधरी अजित सिंह को हरा दिया.

इस चुनाव में चौधरी अजित सिंह तीसरे नंबर पर रहे. सपा से गुलाम मोहम्मद दूसरे स्थान पर रहे. वहीं, 19 के चुनाव में जयंत चौधरी बागपत से चुनाव लड़े, मगर भाजपा के डा. सत्यपाल सिंह ने करीब 25 हजार मतों से उनको भी हरा दिया.

नोट आंकड़े वर्ष के अनुसार हैं.

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