बिहार

अभियान‘ मिशन बरगद’से पर्यावरण व जलवायु को अनुकूल बनाने की कवायद

Shreya
5 Aug 2023 10:54 AM GMT

गोपालगंज: बिगड़ते पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन के कुप्रभाव से निपटने के लिए वन विभाग सारण में ‘मिशन बरगद’ अभियान का प्रयोग करने का जा रहा है. इस अभियान के तहत गोपालगंज,सीवान व सारण जिलों में अगले पंद्रह दिनों में बरगद के साढ़े सात हजार पौधे लगाने की तैयारी की गई है. ये पौधे सरकारी विद्यालयों,कार्यालयों व अस्पतालों के परिसर में लगाए जाएंगे.

विभाग के अनुसार बरगद के पौधे पर्यावरण के संरक्षण में सदियों से मददगार रहे हैं. इसके वृक्ष अपेक्षाकृत ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ते हैं. अपने आसपास में कुछ दूरी तक तापमान को भी नियंत्रित करते हैं. गर्मी के दिनों में इसके पेड़ के नीचे ठंडक व जाड़े के दिनों गर्मी बनी रहती है. बरगद के औषधीय व धार्मिक महत्व भी हैं. विभाग ने करीब 75 सौ स्थानों को चिह्नित कर लगाने के लिए पौधे की भी व्यवस्था की है. सारण के इलाके में वन विभाग का यह प्रयोग सफल रहा तो इसके अनुकूल प्रभाव का अध्ययन कर राज्य के अन्य जिलों में भी बरगद के पौधे लगाए जाएंगे.

जैव विविधता की समृद्धि की कड़ी रहा है बरगद जैव विविधिता को समृद्ध करने में बरगद सदियों से एक कड़ी रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार इसका वृक्ष 20 घंटे तक ऑक्सीजन देता है. इसकी पत्तियों तक में कार्बन डाईआक्साइड सोखने की सबसे अधिक क्षमता होती है. इन गुणों की वजह से इको सिस्टम के लिए यह मुफीद होता है. वृक्ष पर चींटी से लेकर गौरैया, मैना, बुलबुल, तोता व दूसरे पक्षी बसेरा करते हैं.

वन विभाग के अनुसार पिछले पचास वर्षों में जागरूकता के अभाव में बरगद के वृक्षों की संख्या में गुणात्मक रूप से कमी आई है. अब सौ वर्ष पुराना इक्के-दुक्के ही बरगद के वृक्ष बचे हैं. भारतीय वन उत्पादकता संस्थान के वैज्ञानिक आदित्य कुमार बताते हैं कि बरगद के वृक्ष से पूरी जैव विविधता पनप सकती है. इसकी उपयोगिता इसलिए भी बढ़ गई है.

कि अब अक्सर एयर क्वालिटी इनडेक्स 300 के ऊपर चला जा रहा है. बरगद का एक विकसित वृक्ष तीन से पांच सौ मीटर के तापमान व वायु गुणवत्ता को नियंत्रित करता है.

गोपालगंज सहित पूरे सारण प्रमंडल में बरगद के पौधे लगाने की योजना बनाई गई है. बरगद के पौधे लगने से काफी हद तक पर्यावरण को अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी. जैव विविधता समृद्ध होगी.

-पंकज कुमार,जिला वन पदा., गोपालगंज

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