गोपालगंज न्यूज़: एक ईंट भट्ठा से तीन कर्मियों को कुचायकोट थानाध्यक्ष के नेतृत्व में पहुंची पुलिस द्वारा उठा ले जाकर तीन दिन से हाजत में बन्द रखे जाने के मामले को गम्भीरता से लेते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र की कोर्ट ने एसपी से प्रतिवेदन की मांग करते हुए तीनों कर्मियों को तत्काल कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.
ईंट-भह्वा मालिक अंशु कुमार ने इस संबंध में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में विविध वाद दाखिल कर बरनैया बीसा गांव में स्थित ईंट भट्ठा से तीन कर्मियों को बिना वजह उठा ले जाकर तीन दिन से हाजत में बन्द रखने का आरोप लगाया है. बताया जाता है कि बरनैया बीसा गांव के समीप चल रहे ईंट- भट्ठा के मालिक अंशु कुमार की ओर से सीजेएम की अदालत में एक आवेदन दखिल कर आरोप लगाया गया कि 22 जुलाई की शाम कुचायकोट थानाध्यक्ष साक्षी राय तथा दारोगा मुनीलाल सिंह कई अन्य पुलिस कर्मियों के साथ उनके ईंट-भह्वा पर पहुंचे तथा कागजात की मांग की. वे कागजात लाने के लिए अपने घर चले गए.
इसी बीच ईंट-भट्ठा पर काम करने वाले मुंशी हरेंद्र सिंह व शैलेंद्र राम तथा ट्रैक्टर चालक राजकुमार मिश्रा को साथ लेकर पुलिस थाने पर चली गई. उन्होंने आरोप लगाया है कि थाना पहुंचने पर थानाध्यक्ष व दारोगा मुन्नीलाल सिंह ने उनपर रिश्तेदार अखिलेश शाही की ओर से दाखिल परिवाद को वापस लेने का दबाव बनाया तथा 22 जुलाई से ही बेवजह तीनों लोगों को हाजत में बंद रखा गया है.
इस मामले की सुनवाई करते हुए सीजेएम की अदालत ने एसपी ने तीनों निरुद्ध किए गए लोगों के संबंध में प्रतिवेदन की मांग करते हुए उन्हें कोर्ट में प्रस्तुत करने का आदेश दिया.