x
बिहार | भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने कहा है कि जातिगत गणना पर सरकार द्वारा लिए गए निर्णय पर माननीय उच्च न्यायालय ने अपनी मुहर लगाई है. उन्होंने कहा कि यह मुख्यमंत्री की सोची-समझी और सुनियोजित तरीके से हर वर्ग के विकास के लिए तैयार की गई योजना है.
श्री चौधरी ने कहा कि क्षेत्रफल के हिसाब से यह सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाला प्रदेश है, जहां समाज के हर वर्ग के विकास के लिए, जो गरीब, अभिवंचित और दलित हैं, ऐसे सवर्ण भी जो आर्थिक रूप से पिछड़े हैं, उनके लिए इस प्रकार की जातीय गणना करना अति आवश्यक है. ताकि, सरकार इस बात का निर्णय ले सके कि योजनाओं के निर्माण से लोगों के हित में कार्य किया जा सके.
भाजपा की राजनीति का पर्दाफाश हुआ
जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने पांच प्रदेश प्रवक्ताओं डॉ. सुनील सिंह, अंजुम आरा, भारती मेहता तथा हिमराज राम के साथ साझा प्रेस कांफ्रेंस कर जाति आधारित गणना मामले में भाजपा की नकारात्मक राजनीति पर जमकर सवाल उठाए. पार्टी प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया कि जाति आधारित गणना को रुकवाने को लेकर भाजपा ने छद्म तरीके से ‘यूथ फॉर इक्वालिटी’ की मदद ली और कोर्ट में याचिका डलवाकर उसे रुकवाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि आखिरकार हाईकोर्ट ने भाजपा की मंशा पर पानी फेर दिया. राज्य में आबादी के हिसाब से लोगों के लिए योजना बनाने के मकसद से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना कराने का फैसला लिया था.
Next Story