Buxar: युवाओं को रोजगार और किसानों को चाहिए खेती के लिए घंटे बिजली
बक्सर: समस्याओं से जूझ रही आबादी पिछले पांच सालों तक निदान को लेकर बहस करती है. लेकिन चुनाव के वक्त मतदान में अपनी भागीदारी निभाने से पीछे रह जाती है. डुमरांव प्रखंड के लाखनडिहरा तस्वीर नहीं बदल सकती है. चौपाल में गांव के लोगों ने किसानों व खेती की समस्याओं को विस्तार से रखा और कहा कि गांव मजबूत होंगे, तभी देश की तकदीर सवरेंगी.
लोकसभा चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने को लेकर ग्रामीणों ने कहा कि लोगों की बीच जागरूकता अभियान चलाएंगे. ताकि चुनाव में अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो सके. सभी दलों की घोषणा पत्रों पर चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि हम ऐसे प्रत्याशी को चुनेंगे, जो शिक्षित, योग्य और उन तक पहुंच वाला हो. गांव और पंचायतों की समस्याओं को रखते हुए कहा कि डोर टू डोर कचरा उठाव का अभियान तामझाम के साथ शुरु हुआ था. लेकिन प्रशासनिक शिथिलता के कारण ठप हो गया है.
ग्रामीणों के अहम मुद्दे:
● गांव के घरों से निकलने वाले पानी की निकासी की तत्काल व्यवस्था.
● ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए तकनीकी शिक्षा दी जाये.
● स्वच्छता अभियान को सुचारू रुप से संचालित करें, ताकि गांव स्वच्छ हो.
● खेतों को पटवन के लिए कृषि फीडर से चौबीस घंटे बिजली की आपूर्ति करें.
● कृषि के समय आहर में पानी छोड़ा जाो. ताकि फसल की सिंचाई हो सकें.
गांवों में प्रतिभाओं की कमी नहीं है. संसाधन और खेल मैदान के अभाव में ग्रामीण प्रतिभाएं दम तोड़ रही है. गांवों में अच्छा खेल मैदान होना चाहिए. - संजय कुमार.
लाखनडिहरा पंचायत भवन से गांव तक पहुंचने के लिए अच्छी सड़क नहीं है. गांव के विकास में सड़क की भूमिका अहम होती है. - शिवप्रवेश सिंह.