बक्सर: राज्य में इस साल रबी मौसम में दलहन की नई योजना लागू की जा रही है. राज्य में 3 लाख हेक्टेयर में मसूर की खेती होगी. दलहन फसल के माध्यम से किसानों को अधिक लाभ दिलाने के लिए यह योजना ली गई है. इस योजना को सरकार ने मंजूरी दे दी है. इस योजना पर 95 करोड़ 95 लाख की राशि खर्च होगी. यह योजना राज्य के 13 जिलों औरंगाबाद, गया, भागलपुर, कटिहार, नवादा, जमुई, बांका, बकसर, जहानाबाद, अरवल, शिवहर, मुंगेर और शेखपुरा में लागू होगी.
चतुर्थ कृषि रोड मैप के तहत दलहन फसल के प्रोत्साहन के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में खाद्य एवं पोषण सुरक्षा (कृषोन्नति योजना)-दलहन योजना के तहत 55 करोड़ 9 लाख और टरफा योजना के तहत 40 करोड़ 86 लाख रुपए स्वीकृत की गई है. योजना के तहत किसानों को मसूर बीज पर किसानों को 80 फीसदी अनुदान मिलेगा. एक किसान को प्रत्यक्षण के लिए अधिकतम दो एकड़ और सिर्फ बीज अधिकतम 5 एकड़ के लिए अनुदान मिलेगा. बिहार बीज निगम मसूर के माध्यम से किसानों को बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है. जिला कृषि पदाधिकारी अपने जिले के लिए प्रखंडवार अधिकृत और लाइसेंसी विक्रेता बीज प्रतिष्ठान को संबद्ध कर अनुदानित दर पर बीज दिलाना सुनिश्चित करेंगे.
19 हजार एकड़ में प्रत्यक्षण का लक्ष्य रखा गया है. प्रत्यक्षण के तहत किसान को बीज के साथ अन्य सामग्री के लिए भी राशि दी जाती है. इसके तहत प्रति एकड़ 5600 रुपए मिलेंगे. इसमें बीज और अन्य उपादान के लिए 3600 रुपए और इसके अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए दो हजार प्रति एकड़ की राशि दी जाएगी.
किसानों को अनुदान राशि का भुगतान उनके बैंक खाता में डीबीटी के माध्यम से की जाएगी. सभी प्रत्यक्षण स्थल का मिट्टी नमूना एकत्रित कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किया जाएगा. इसकी जिम्मेदारी जिला के सहायक निदेशक (रसायन) एवं जिला कृषि पदाधिकारी की होगी. 28 हजार 300 क्विंटल मसूर बीज किसानों को 80 फीसदी अनुदान पर वितरित किया जाएगा. वैसे प्रभेद किसानों को दिलाए जाएंगे, जो 10 वर्ष के अंदर खोजी गई है.