नालंदा: भंडारण की समस्या से परेशान नालंदा के प्याज उत्पादकों के लिए राहत देने वाली खबर है. अब उन्हें प्याज के सड़ने और बर्बाद होने की चिंता नहीं सताएगी. निजी जमीन पर किसान गोदाम बना सकते हैं. परियोजना आधारित योजना के तहत गोदाम बनाने के लिए सरकार 50 फीसद अनुदान देगी. ऑनलाइन आवेदन लेने की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी.
पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर किसानों को योजना का लाभ मिलेगा. एक गोदाम के निर्माण की लागत एक लाख 75 हजार रुपये आती है. इसपर किसानों को 50 फीसदी यानी 87 हजार पांच सौ रुपये का अनुदान दिया जाएगा. गोदाम बनाने के लिए 240 वर्गफीट जमीन की जरूर पड़ेगी.
बड़े पैमाने पर होती है प्याज की खेती - जिले में प्याज की खेती व्यापक पैमाने में की जाती है. ऐसे तो जिले के अधिकांश प्रखंडों में किसान प्याज की खेती करते हैं. लेकिन, बिहारशरीफ, रहुई, नूरसराय, हरनौत, चंडी, राजगीर व हरनौत में इसकी खेती सबसे ज्यादा होती है.
भंडारण की है समस्या जिले में उपजाये गये प्याज के भंडारण की समस्या विकराल है. यही कारण है कि औने-पौने दाम में किसान खेतों में ही प्याज बेच देते हैं.
आवेदन के लिए जरूरी कागजात - योजना का लाभ पाने वाले किसानों को उद्यान विभाग के पोर्टल ( horticulture. bihar. go. in) पर आवेदन करना होगा. आवेदन के साथ एलपीसी या जमीन की कैरेंट रसीद, पहचान पत्र, आधार कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो व बैंक पासबुक की जानकारी देनी होगी.