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बेगूसराय: बिहार के बेगूसराय से विकास के पतन की एक और तस्वीर सामने आई है। मुख्यमंत्री नावार्ड योजना (Chief Minister Naward Scheme) के तहत आहोक कृति टोल चौकी और विष्णुपुर के बीच गंडक नदी पर बनी 14 करोड़ की लागत की पुल उद्घाटन से पहले ही ढ़ह गया। पुल की लंबाई 206 मीटर लंबी थी। पुल का एक हिस्सा टूट कर नदी में गिर गया। इस घटना के बाद से विकसित बिहार का दावा करने वाले सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
2017 को बनकर तैयार
206 मीटर लंबे पुल का निर्माण मुख्यमंत्री नाबार्ड योजना के तहत कराया गया था। वित्तीय वर्ष 2012-13 में स्वीकृत इस पुल का निर्माण कार्य 23 फरवरी 2016 को को शुरू हुआ था। 1343.32 लाख रुपये की लागत से ये पुल 22 अगस्त 2017 को बनकर तैयार हो गया था। हालांकि पुल तक पहुंचाने वाला एप्रोच पथ का निर्माण चल रहा था। लेकिन पुल पर जारी थी। ट्रैक्टर तक जैसे-तैसे इससे गुजर जरूर रहे थे। इस पुल का उद्घाटन होना अभी बाकी था।
मां भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया टेंडर
इस पुल को बनाने का टेंडर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था। बेगूसराय की मां भगवती कंस्ट्रक्शन कंपनी पुल के निर्माण का ठेका दिया गया थी। मिली जानकारी के अनुसार पुल के पिलर संख्या दो और तीन के बीच का हिस्सा टूटकर गंडक नदी में गिरने के बाद मां भगवती कंस्ट्रक्शन भी सवालों के घेरे में है।
काम शुरू होते ही अनियमितता देख किया गया था विरोध
विष्णुपुर आहो पंचायत के मुखिया सुबोध यादव ने बताया कि "काम शुरू होते ही अनियमितता देख विरोध किया तो कार्यपालक अभियंता ने साहेबपुर कमाल थाने में मेरे खिलाफ तीन बार रंगदारी मांग कार्य को बाधित करने का आवेदन दिया। डीएसपी बलिया ने जांच के बाद भरोसा दिलाया कि काम सही से पूरा किया होगा। लेकिन, क्या हुआ यह दिख गया है अब। ढलाई में 8 एमएम सरिया का उपयोग हुआ है।" साहेबपुर कमाल के विधायक ललन यादव ने कहा कि "इस पुल निर्माण में घोर अनियमितता बरती गई। उन्होंने कहा कि गनीमत रही कि पुल सुबह 5 बजे के पहले गिरा, वरना उद्घाटन के बगैर भी इस पुल से ट्रैक्टर तक गुजर रहे थे। भारी जानमाल का नुकसान हो सकता था।"
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