बिहार

कोरोना काल के बाद बिहार में बढ़े ब्रेन टीबी के मरीज, डॉक्टरों ने कही यह बात

Kunti Dhruw
1 April 2022 2:09 PM GMT
कोरोना काल के बाद बिहार में बढ़े ब्रेन टीबी के मरीज, डॉक्टरों ने कही यह बात
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कोरोना संक्रमण के कहर के बीच बिहार में ब्रेन टीबी के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धी हो रही है.

पटना: कोरोना संक्रमण के कहर के बीच बिहार में ब्रेन टीबी के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धी हो रही है. राजधानी पटना सहित पूरे बिहार में तेजी से ब्रेन टीबी के मरीज सामने आ रहे हैं. बीमारी की सही पहचान नहीं होने के कारण लोगों की मौत हो रही है. दरअसल, ये समस्या मेनिनजाइटिस और न्यूरो सिस्टी साइकोसिस में अंतर ना पता चलने के कारण हो रहा है.

रोजाना कई मामले आ रहे सामने
शहर के जाने-माने अस्पताल जैसे आईजीआईएमएस, पटना एम्स और पीएमसीएच में रोजाना ब्रेन टीबी के कई मामले सामने आ रहे हैं. आईजीआईएमएस के न्यूरो विभाग में आने वाले मरीजों में से करीब तीन प्रतिशत मरीज ब्रेन टीबी से पीड़ित हैं. हर महीने आईजीआईएमएस में ब्रेन टीबी के 100 से अधिक मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में प्राथमिकता के आधार पर डॉक्टर ऐसे मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

कोरोना काल में बढ़े हैं ब्रेन टीबी के मरीज
आईजीआईएमएस के न्यूरो मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार का कहना है कि ब्रेन टीबी के मरीजों की संख्या कोरोना काल में बढ़ी है. कोरोना महामारी की वजह से टीबी के मरीजों को सही समय पर इलाज नहीं मिलने के कारण ये समस्या अब बढ़ गई है. उनका कहना है कि हर रोज ब्रेन टीबी के करीब दो से तीन मरीज सामने आ रहे हैं.
समय पर इलाज कराना ही उपाय
बता दें कि ब्रेन टीबी मेनिनजाइटिस और न्यूरो सिस्टी साइकोसिस में अंतर पहचानने के लिए बड़े स्तर पर शोध (रिसर्च) करने की जरूरत है. फिलहाल देश के दिल्ली, पंजाब आदि राज्यों में आईसीएमआर की मदद से रिसर्च कार्य किया जा रहा है. इस बीमारी का एक मात्र उपाय सही समय पर इलाज ही है. समय पर इलाज के बाद मरीज तेजी से इस बीमारी को मात दे रहे हैं.

बीच में दवा छोड़ना हो सकता है जानलेवा
आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. मनीष मंडल का कहना है कि कई मरीज बीच में ही टीबी की दवा छोड़ देते हैं, जिसके कारण उन्हें एमडीआर टीबी हो सकता है. उन्होंने कहा कि इस के अंतर को पहचानने के बाद ही मरीज का सही डायग्नोसिस हो पाएगा.
ध्यान देने वाली बात है कि कोविड के बाद पांच प्रतिशत तक इस तरह के मरीज बढ़ गए हैं. आम लोग टीबी के लक्षण को नहीं पहचान पाते हैं और खुद से ही कोई दवा खाकर अपने साथ-साथ अन्य लोगों को भी टीबी के खतरे में डाल देते हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि टीबी के लक्षण क्या हैं.

क्या हैं टीबी के लक्षण

1. खांसी

2. बुखार

3. उल्टी

4. सिर दर्द

5. मिर्गी

6. लकवा आदि की शिकायत


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