बिहार

प्रखंड प्रमुख सुधाकर मेहता ने प्रखंड सह अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया

Admindelhi1
1 April 2024 6:48 AM GMT
प्रखंड प्रमुख सुधाकर मेहता ने प्रखंड सह अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया
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11 बजे तक भी दफ्तर नहीं पहुंच रहे अधिकारी

भागलपुर: प्रखंड प्रमुख सुधाकर मेहता ने को प्रखंड सह अंचल कार्यालय का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने 1030 बजे सर्वप्रथम अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया. अंचल कार्यालय कक्ष खुले थे किंतु कोई भी कर्मी उपस्थित नहीं मिले.

1040 बजे निरीक्षण के दौरान सीओ का चैंबर बंद मिला. 1045 बजे आरटीपीएस काउंटर पर एक भी कार्यपालक सहायक उपस्थित नहीं मिले. बाहर कई महिलाएं कर्मी के आने के इंतजार में बैठी दिखी.1050 बजे प्रखंड विकास पदाधिकारी कक्ष निरीक्षण किया. ऑफिस खुला मिला किंतु प्रखंड विकास अधिकारी की कुर्सी खाली पड़ी थी. प्रखंड प्रमुख ने बताया कि 1100 बजे प्रखंड संसाधन केंद्र के निरीक्षण में बीआरसी का मुख्य गेट खुला मिला किंतु बीईओ मौजूद नहीं थी. अंदर प्रवेश करने पर बीईओ कक्ष व कार्यालय में ताले लटक रहे थे. इस दौरान उन्होंने बीईओ निर्मला कुमारी के मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास भी किया.

, लेकिन उनसे संपर्क स्थापित नहीं हो सका. 1110 बजे बाल विकास परियोजना कार्यालय का निरीक्षण करने पहुंचे. बाल विकास परियोजना कार्यालय कक्ष खुले थे. कार्यालय कक्ष में एक भी कर्मी मौजूद नहीं थे. सीडीपीओ कक्ष में ताले लटक रहे थे. प्रखंड प्रमुख ने बताया कि प्रखंड कार्यालय में अधिकारियों की लेट लतीफी से वह जिला अधिकारी को अवगत कराएंगे.

प्रधान डाकघर में महीनों से बंद है आधार सेवा केन्द्र: प्रधान डाकघर बेगूसराय में महीनों से आधार सेवा केन्द्र बंद पड़ा है. नया आधार कार्ड बनवाने से लेकर अपडेट कराने तक के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है. जबकि हर रोज आधार बनवाने लोग प्रधान डाकघर पहुंच रहे हैं. डाक कर्मी कभी सिस्टम खराब होने की बात तो कभी कर्मी नहीं रहने की बात कह लोगों को लौटा रहे हैं.

सड़क पर बोर्ड लगाने से बढ़ी परेशानी: स्थानीय राजेन्द्र रोड में दुकानदारों व अन्य व्यवसाय से जुड़े लोगों द्वारा सड़क से सटाकर अपनी अपनी दुकानों व प्रतिष्ठानों का लोहे का बोर्ड लगा दिया गया है. इस कारण सड़क से आने-जाने वाले लोगों के समक्ष प्रतिदिन दुर्घटना की स्थिति बनी रहती है. सबसे विकट स्थिति बुजुर्गों के समक्ष बनी है जो सड़क के बगल से सुरक्षित होकर आते-जाते हैं. इसी दौरान बोर्ड से टकराकर चोटिल भी होते रहते हैं. स्थानीय प्रशासन इस ओर पूर्णत उदासीन है.

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