बिहार न्यूज: बिहार भाजपा के अध्यक्ष बनने के बाद सम्राट चौधरी अब तक अपनी प्रदेश समिति की घोषणा नहीं कर पाए हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव और उसके बाद 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वे एक मजबूत और संतुलित टीम चुनावी मैदान के लिए तैयार करने में जुटे हैं। कहा जा रहा है कि चौधरी टीम के करीब सभी नामों को तय कर चुके हैं और दिल्ली से लौटते ही वे प्रदेश समिति की घोषणा कर सकते हैं।
चौधरी सोमवार को दिल्ली गए। चौधरी जब अध्यक्ष बने थे, तब से निवर्तमान अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल की टीम के सहारे वे संगठन के कार्यों का निर्वहन कर रहे थे। ऐसे में अब वे अपनी कार्यकारिणी समिति बनाएंगे। भाजपा के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि चौधरी समिति बनाने में सभी वरिष्ठ नेताओं की सलाह ली है, जिससे समिति पदाधिकारियों और सदस्यों के नामों पर किसी तरह का विवाद नहीं हो। पुरानी प्रदेश समिति के भी करीब 30 से 40 प्रतिशत लोगों को नई कार्यकारिणी में जगह मिलने की बात कही जा रही है। हालांकि कुछ के दायित्व बदलने से इंकार नहीं किया जा सकता है।
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यकारिणी समिति की घोषणा के साथ ही कुछ मोर्चा के अध्यक्षों की घोषणा भले हो जाए, लेकिन अधिकांश मोर्चा के अध्यक्षों की घोषणा बाद में होने की संभावना है। प्रदेश पदाधिकारियों के साथ अभी की कार्यकारिणी में कुल 111 सदस्य हैं। पदाधिकारियों में प्रदेश संगठन महामंत्री को छोड़कर चार महामंत्री, 12 उपाध्यक्ष और 12 प्रदेश मंत्री हैं। नौ प्रदेश प्रवक्ता हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय संगठन मंत्री हैं। 15 प्रतिशत सदस्य स्थायी आमंत्रित होते हैं।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता कहते है कि अध्यक्ष के सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसी प्रदेश की टीम बनाने की है जो आने वाले चुनाव में दमदार प्रदर्शन कर सके। उनका कहना है कि टीम के जरिए सामाजिक समीकरण को भी साधने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में तय माना जा रहा है कि चौधरी की टीम में युवाओं की संख्या अधिक होगी।
स्पीकर के सामने टीम बनाने में सबसे बड़ी चुनौती
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कार्यसमिति की घोषणा के साथ कुछ मोर्चों के अध्यक्षों की घोषणा हो सकती है, लेकिन ज्यादातर मोर्चों के अध्यक्षों की घोषणा बाद में होने की संभावना है। मौजूदा कार्यकारिणी में प्रदेश पदाधिकारियों समेत कुल 111 सदस्य हैं। पदाधिकारियों में प्रदेश संगठन महासचिव को छोड़कर चार महासचिव, 12 उपाध्यक्ष और 12 प्रदेश मंत्री हैं। नौ प्रदेश प्रवक्ता हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय संगठन मंत्री भी हैं। 15% सदस्य स्थायी आमंत्रित सदस्य हैं। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि स्पीकर के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य की एक ऐसी टीम तैयार करना है जो आने वाले चुनावों में जोरदार प्रदर्शन कर सके। उनका कहना है कि टीम के जरिए सामाजिक समीकरण को भी दुरुस्त करने की कोशिश की जाएगी। ऐसे में माना जा रहा है कि चौधरी की टीम में युवाओं की संख्या अधिक होगी।