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पटना। राष्ट्रपति चुनाव से एक दिन पहले राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव को इस पद के लिए राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बारे में अपमानजनक बयान देने के लिए रविवार को भाजपा की आलोचना का सामना करना पड़ा। बिहार में विपक्ष के नेता यादव से राष्ट्रपति चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा का समर्थन करने और मुर्मू को समर्थन नहीं देने के बारे में पूछा गया था।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा, ''हम राष्ट्रपति भवन में मूर्ति नहीं चाहते। किसी ने कभी उन्हें (मुर्मू) कुछ बोलते सुना है? उन्होंने अपने नाम की घोषणा होने के बाद एक भी पत्रकार वार्ता को संबोधित किया है? हम सभी ने कम से कम यशवंत सिन्हा के बारे में सुना है और जानते हैं कि उनका क्या रुख है।'' इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने तेजस्वी की मां और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी का उदाहरण दिया।
उन्होंने 1990 के दशक के अंत में चारा घोटाले में नाम आने पर लालू प्रसाद के मुख्यमंत्री पद छोड़ने और उनकी पत्नी राबड़ी देवी के अचानक राजनीति में प्रवेश करने का जिक्र करते हुए कहा, ''तेजस्वी यादव ने अपने परिवार में ही देखा है कि किस तरह एक अशिक्षित गृहिणी को पार्टी में अनेक अनुभवी नेताओं की अनदेखी कर सर्वोच्च पद पर बैठा दिया गया।'' जायसवाल ने कहा कि मुर्मू अपने दम पर यहां तक पहुंची हैं और ओडिशा विधानसभा की सदस्य के रूप में खुद को साबित कर चुकी हैं, जिन्हें एक बार सर्वश्रेष्ठ विधायक का खिताब भी मिल चुका है।
भाजपा नेता ने कहा, ''झारखंड की राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल निर्विवाद और मिसाल की तरह रहा है। इसलिए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी उनका समर्थन कर रही है, जबकि वह राजग में नहीं है। लेकिन शायद तेजस्वी यादव अपनी मेहनत से यहां तक पहुंचीं महिला का सम्मान नहीं कर सकते।'' उन्होंने तेजस्वी पर मुर्मू के खिलाफ टिप्पणी करके बिहार का मजाक उड़वाने का आरोप लगाया और उनसे माफी मांगने को कहा।
Shantanu Roy
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