बिहार

नीतीश के अतिपिछड़े विरोधी सोच का पदार्फाश करेगी भाजपा, 17 अक्टूबर को सभी प्रखंड मुख्यालय में धरना : डॉ संजय जायसवाल

Rani Sahu
13 Oct 2022 12:53 PM GMT
नीतीश के अतिपिछड़े विरोधी सोच का पदार्फाश करेगी भाजपा, 17 अक्टूबर को सभी प्रखंड मुख्यालय में धरना : डॉ संजय जायसवाल
x
पटना, (आईएएनएस)| भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अतिपिछड़ा वर्ग विरोधी बताते हुए कहा कि नगर निकाय चुनाव पर असंवैधानिक निर्णय इस बात के प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की फितरत धोखेबाजी की और अब वे प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब में लालू यादव के दबाव में अतिपिछड़े वर्ग के भोले भाले लोगों धोखा दे रहे हैं। पटना भाजपा प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जायसवाल ने कहा है कि कपर्ूी ठाकुर जी के अतिपिछड़ों के विकास पर केंद्रित सामाजिक नीति और मण्डल कमीशन लागू होने के सामाजिक-राजनीतिक विरासत पर पहला अधिकार हमारा है। वर्ष 1977 में मोरारजी देसाई के सरकार में या कपर्ूी ठाकुर के साथ सरकार में रहकर या 1980 के बाद सरकार से बाहर रहकर हमने लगातार गरीब, कमजोर और पिछड़े समाज के हकों को लेकर उनका साथ दिया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1989 में देश में मण्डल आयोग की सिफारिशों को लागू करने सहित बिहार में 2006 के बाद से आरक्षण के जो प्राविधान हैं, उनके पक्ष में सहमति बनाने और लागू कराने में हमारी भूमिका निर्विवाद है।
उन्होंने कहा कि बिहार के उच्च न्यायालय ने नीतीश कुमार के वास्तविक चरित्र को सबके सामने नंगा कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने देशभर में नगर निकायों के चुनावों में नियमावलियों का प्रावधान किया है और कोई राज्य उन नियमों की अवहेलना नहीं कर सकता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नीतीश कुमार की इस चालाकी की पोल खोलेंगी और इसके लिए बिहार के सभी जिलों में 17 अक्टूबर को प्रखण्ड मुख्यालयों पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।
इधर, बिहार के पूर्व मंत्री और विधानपरिषद के नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री अति पिछड़ों के नायक नहीं खलनायक बन गए हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने अति पिछड़ों का सम्मान गिराने का काम किए हैं।
चौधरी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्ट निर्देश के बाद भी आयोग का गठन नहीं करना उनकी मंशा को दिखाता है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के फैसला के बाद महाराष्ट्र में आयोग बनाकर नगर निकाय चुनाव कराया गया, इसी तरह मध्य प्रदेश में भी चुनाव हुए।
Next Story