लखीसराय: भाजपा पर शराबबंदी को समाप्त करने की साजिश रचने का आरोप लगाते हुए इस्लामपुर के पूर्व विधायक व जदयू नेता श्री राजीव रंजन ने आज कहा कि प्रदेश में शराबबंदी लागू होने से आई सुख शांति भाजपा के नेताओं को हजम नहीं हो रही है, इसीलिए उनके नेता इस मसले पर लगातार गलतबयानी कर रहे हैं। पिछड़ा समाज से न होने के बावजूद कई दशक से पिछड़ों के नाम पर सत्ता सुख भोग रहे इनके एक बड़े नेता तो इस कानून को शिथिल करने तक की मांग कर चुके हैं। इससे यह दिखता है कि शराबबंदी से महिलाओं के खिलाफ कम हुई घरेलू हिंसा, गरीबों के बच रहे पैसे और बढ़ रही समृद्धि भाजपा को पसंद नहीं आ रही है.
शराबबंदी कानून को शिथिल करने की मांग को अनुचित बताते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के बड़े नेता यह भूल गये हैं कि किसी भी कानून को बनाने या उसे भंग करने की ताकत सिर्फ सदन को है, किसी राजनीतिक दल के पास इसकी ताकत नहीं होती। यह कानून भी सभी दलों की सहमती से ही बनाया गया था, जिसमें भाजपा भी शामिल थी। अब यदि सत्ता से बाहर जाने के बाद भाजपा के विचार बदल गये हैं तो उन्हें बयानबाजी करने के बजाए सदन में प्रस्ताव लाना चाहिए। भाजपा नेताओं को यह बताना चाहिए कि वह लोग शराबबंदी कानून की समाप्ति के लिए कब प्रस्ताव पेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून को शिथिल करने की मांग कर के भाजपा के बड़े नेता ने भाजपा के चेहरे से महिला और गरीब हितैषी होने के नकाब को भी सरेआम खींच दिया है। लोग अच्छे से जानते हैं कि शराबबंदी होने से सबसे अधिक फायदा महिलाओं और गरीबों को ही हुआ है। इससे जहां महिलाओं के खिलाफ होने वाली घरेलू हिंसा में अभूतपूर्व कमी आ गयी वहीं गरीबों के पास पैसे बचने लगे. लेकिन भाजपा के बड़े नेता चाहते हैं कि इस कानून को शिथिल कर महिलाओं को फिर से हिंसा की आग में झोंक दिया जाए और गरीबों के पैसे फिर से दारु बेचने वालों के पास जाने लगे। भाजपा को बताना चाहिए कि क्या वह अपने इन नेताजी के बयान के समर्थन में खड़ी है।