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भाजपा के सभी सातों मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 31 जुलाई को पटना में होगी। इसमें सभी मोर्चा के राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेशों की टीमों से सभी मोर्चा पदाधिकारी और अन्य लोग शामिल होंगे। इस कार्यकारिणी की शुरुआत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के संबोधन के साथ होगी, तो पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष समापन सत्र में कार्यकर्ताओं को जनता से जुड़ने का मंत्र बताएंगे। इसे आगामी चुनावों के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित करने की भाजपा की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
31 जुलाई के मुख्य कार्यक्रम के पहले भाजपा के सभी राष्ट्रीय मोर्चा के कार्यकर्ताओं को बिहार की 200 विधानसभा सीटों में 48 घंटे का प्रवास करने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। प्रवास के दौरान भाजपा कार्यकर्ता स्थानीय स्तर पर होने वाले कार्यक्रमों में शामिल होंगे, वृक्षारोपण कार्यक्रम के साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात करेंगे और स्थानीय जनता की समस्याओं को समझने का प्रयास करेंगे।
बिहार विधानसभा में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं। कार्यकर्ताओं के प्रवास के लिए इनमें से उन 200 सीटों को चुना गया है, जिन पर भाजपा को ज्यादा काम करने की आवश्यकता महसूस हो रही है। इन सीटों पर जातिगत समीकरणों को समझते हुए कार्यकर्ताओं को अभी से जनता से जुड़ने के लिए कहा गया है। पार्टी की यह तैयारी अगले बिहार विधानसभा चुनाव में समीकरणों में बदलाव कर सकती है।
पार्टी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी से पहले जनता से संवाद करने का पहला प्रयोग हैदराबाद में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के पहले तेलंगाना में किया था। इसमें पार्टी के केंद्रीय मंत्रियों, केंद्रीय नेताओं, पार्टी द्वारा शासित राज्यों के मंत्रियों, नेताओं और अन्य पदाधिकारियों ने इस दौरान तेलंगाना के विभिन्न विधानसभाओं में प्रवास किया था। इससे पार्टी को किसी राज्य की जनता को ज्यादा बेहतर ढंग से समझने और उसके अनुसार अपनी रणनीति बनाने में मदद मिलती है।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के प्रभारी मनोज यादव ने अमर उजाला को बताया कि पार्टी ने पहली बार मोर्चाओं के पदाधिकारियों की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का आयोजन किया है। इसके माध्यम से पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को जनता की समस्याओं को ज्यादा बेहतर ढंग से समझने, लोगों से जुड़ने और उनके लिए लगातार कार्य करने के लिए प्रेरित करना चाहती है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में देश भर के विभिन्न प्रदेशों से आए पदाधिकारी बिहार की जनता से संवाद करेंगे। इससे वे अपना अनुभव जनता को बांटेंगे और यहां से प्राप्त सांगठनिक अनुभव को अपने-अपने प्रदेशों में लागू करेंगे।
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