बिहार

बीजेपी सांसद ने सीएम नीतीश कुमार से किया आग्रह, बोले- 'केंद्र के प्रस्तावित प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे सरकार'

Deepa Sahu
1 Dec 2021 1:58 PM GMT
बीजेपी सांसद ने सीएम नीतीश कुमार से किया आग्रह, बोले- केंद्र के प्रस्तावित प्रोजेक्ट को स्वीकृति दे सरकार
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बुधवार को लोकसभा में लोक महत्व के अविलंबनीय मुद्दे के तहत सारण सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा का मुद्दा उठाया।

पटना। बुधवार को लोकसभा में लोक महत्व के अविलंबनीय मुद्दे के तहत सारण सांसद सह पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा का मुद्दा उठाया। रुडी ने लोकसभा के माध्यम से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से केंद्र द्वारा बिहार के लिए प्रस्तावित ग्रीन फील्ड परियोजना के तहत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को स्वीकृति प्रदान करने का आग्रह किया है। रूडी ने बताया कि बिहार में किसी भी हवाई अड्डे पर कैट 3 तकनीक की सुविधा उपलब्ध नहीं हैं।

बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रुडी ने कहा कि, सुविधा के अभाव में बदलते मौसम के कारण कम विजिबिलिटी में हवाई जहाज को उतरने और उड़ान भरने में कठिनाई होती है, जिस कारण यात्रियों की यात्रा में घंटो विलंब होता है। उन्होंने बताया कि देरी होने के कारण केवल बिहार के हवाई अड्डों पर ही परेशानी नही होती बल्कि दिल्ली के हवाई अड्डों पर भी हवाई यातायात का दबाव बढ़ जाता है। इसे देखते हुए बिहार में एक अंतरराष्ट्रीय ग्रीनफिल्ड एयरपोर्ट की जरूरत है। जिसका प्रस्ताव केंद्र ने राज्य सरकार को भेजा है पर किसी कारणवश स्वीकृति प्रदान करने में विलंब हो रहा है।
सांसद रुडी ने बताया कि उन्होंने बैंगलोर, हैदराबाद, दिल्ली और मुम्बई की तर्ज पर बिहार में भी ग्रीन फिल्म प्रोजेक्ट के तहत नया हवाई अड्डा के निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा कि पटना के जयप्रकाश नारायण अन्तरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के छोटे होने के कारण केंद्र सरकार ने राजधानी पटना से लगभग 27Km की दूरी पर मौजूद बिहटा सैन्य हवाई अड्डे का वाणिज्यिक उपयोग करने का प्रस्ताव दिया था। इसके लिए AIRPORTS AUTHORITY OF INDIA ने बिहार सरकार से 173 एकड़ भूमि की मांग की थी। बिहटा में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के हवाई अड्डे को बनाने की शर्त पर बिहार सरकार ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को 108 एकड़ भूमि हस्तांतरित भी कर दी थी। उन्होंने कहा कि सभी यह चाहते हैं कि पटना का हवाई अड्डा पूर्वी भारत का सबसे महत्वपूर्ण हवाई अड्डा बने। लेकिन जिस मास्टर प्लान के तहत बिहटा एयरपोर्ट का विकास किया जा रहा है, उसके बाद भी बिहटा और पटना हवाई अड्डा में कोई विशेष अंतर नहीं हो पायेगा।
रुडी ने बताया कि ऐसा इसलिए कि पटना हवाई अड्डे की लंबाई 6900 फीट है, जबकि विकसित होने के बाद भी बिहटा सैन्य हवाई अड्डा के रनवे की लम्बाई 8200 फीट ही होगी। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए बोईंग 747, 777, 787 और एयरबस 380 का परिचालन के लिए एयरपोर्ट के मुख्य रनवे की लम्बाई 12000 फीट होना जरूरी है। पटना एयरपोर्ट पर बड़े विमान नहीं उतर सकते क्योंकि इसकी पट्टी बहुत छोटी है। शुरूआत में इसके विस्तार की योजना आई थी लेकिन समय रहते इसे नही किया गया तो आसपास नगर बस गये और अब नगर को उजाड़कर हवाई अड्डे का विस्तार संभव नहीं हो पा रहा है।
रुडी ने बताया कि उन्होंने पटना के वर्तमान हवाई अड्डे से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर ही दीघा के नजदीक गंगा पार विशाल उपलब्ध भूमि पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनाने का सुझाव कई साल पहले केंद्र सरकार को दिया था। उन्होंने बताया कि उनके सुझाव को मानते हुए और उसपर विचार करने के लिए केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को भेज दिया था जिस पर राज्य सरकार विचार कर रही है। रूडी ने कहा कि पटना के दीघा के सामने गंगा के उत्तर में सारण जिले में भूमि उपलब्ध है। जिसपर काफी बड़े हवाई अड्डे का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह स्थान राज्य के सभी दिशाओं से आने वाले यात्रियों के लिए सुगम होगा, क्योंकि उत्तर बिहार, पूर्वी बिहार, दक्षिण बिहार के साथ ही पटना रिंग रोड से जुड़ा है।
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