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दरभंगा: दरभंगा एम्स पर ग्रहण लगने के बाद भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने महागठबंधन सरकार खासकर सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा है। भाजपा ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने कैबिनेट करके 15 सितंबर 2020 को 1264 करोड़ की राशि से 750 बेड के दरभंगा एम्स को स्वीकृति प्रदान की। इतना ही नहीं कैबिनेट निर्णय की तिथि से अगले 48 महीने के भीतर एम्स निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया तथा यहां तक कि दरभंगा एम्स निर्माण कार्य को त्वरित रूप से निष्पादन हेतु कार्यकारी निर्देशक की भी नियुक्ति कर दी लेकिन बिहार सरकार दरभंगा एम्स को लगातार अटकाने भटकाने और लटकाने का कार्य कर रही है। बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि आपने दरभंगा एम्स को लेकर लगातार दुलमुल नीति का सहारा क्यों लिया? किस कारण से, किस मजबूरी में और किसके इशारे पर नीतीश कुमार जी आपने अपनी कैबिनेट के फैसले को पलटा? किसके इशारे पर डीएमसीएच परिसर स्थित भूमि जो दरभंगा एम्स को हस्तांतरित की गई थी वहां मिट्टी भराई का कार्य पूर्ण होने के कगार पर था तब अचानक मुख्यमंत्री जी आपका हृदय परिवर्तन क्यों हुआ?
भाजपा सांसद ने पूछा- दरभंगा एम्स को लटकाने का यत्न किया?
भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर ने पूछा कि मुख्यमंत्री जी क्या आपको इस बात का भय था कि दरभंगा एम्स का शिलान्यास करने प्रधानमंत्री यथाशीघ्र दरभंगा आने वाले थे? क्या इसी भय से आपने दरभंगा एम्स को लटकाने का यत्न किया? मुख्यमंत्री जी आप समाधान यात्रा के क्रम में दरभंगा आए और समाधान के बदले दरभंगा में समस्या लाद कर चले गए। मुख्यमंत्री जी आपने बाद में जिस शोभन की जमीन दरभंगा एम्स को देने की बात की वह केवल आपका प्रोपगेंडा था और वस्तुस्थिति यह थी कि मुख्यमंत्री जी कि आप केवल एम्स को अटकाने का कुचक्र कर रहे थे जिसको प्रमाणित आपके सांसदों का दरभंगा एम्स के संदर्भ में लिखा पत्र करता है।
केन्द्रीय तकनीकि टीम को शोभन की जमीन पसंद है
भाजपा सांसद गोपाल जी ठाकुर यही नहीं रुके, पूछा कि मुख्यमंत्री आप यह बता दें कि किसके इशारे पर आपके 20 सांसद ने दरभंगा एम्स को अन्यत्र ले जाने हेतु प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा था? आपके सबसे विश्वस्त सलाहकार को यह बात कैसे तुरंत पता चली कि केन्द्रीय तकनीकि टीम को शोभन की जमीन पसंद है? क्योंकि आपके सलाहकार जांच टीम के दरभंगा से जाने के अगले ही दिन सोशल मीडिया में लिखकर कहा कि केन्द्रीय तकनीकि जांच टीम ने दरभंगा एम्स हेतु शोभन की जमीन पसंद कर ली। नीतीश कुमार आपकी और आपके सलाहकार की शायद यह सोच हो कि झूठ को ज्यादा प्रसारित करने से सच छुप पाएगी लेकिन सच ज्यादा दिन तक छुपती नहीं है और झूठ को बार-बार दुहराने से वह सच नहीं हो जाती। दरभंगा एम्स को लेकर नीतीश सरकार के नकारात्मक और गैरजिम्मेदाराना भूमिका को जनता जनार्दन समझ चुकी है। आपकी सरकार जनता जनार्दन के जीवन से खेलने का जो कुचक्र कर रही है। यह माफी योग्य नहीं है। भाजपा सांसद कहा कि हमलोग नीतीश कुमार से यह मांग करते हैं कि मिथिलावासी की आकांक्षा एवं उनकी भावना का सम्मान करते हुए दरभंगा एम्स हेतु पूर्व से प्रस्तावित डीएमसीएच भूमि जो एम्स हेतु दी गई थी यथाशीघ्र हस्तांतरित कर दें।
जदयू ने कहा- केंद्र सरकार बिहार में विकास का काम नहीं करना चाहती है
भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सह जदयू के वरिष्ठ नेता मो. अली असरफ फातमी ने बीजेपी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि मिथिलांचल व दरभंगा वासियों के लिए बेहद दुखद घटना है कि दिल्ली की सरकार बिहार के अंदर विकास का काम करना नहीं चाहती है। काफी दिनों से दरभंगावासी एम्स के लिए तरस रहे थे। पिछले दिनों नीतीश कुमार के मेहनत से दरभंगा के लिए जगह भी सेलेक्ट हुआ। पहले DMCH के अंदर, फिर हायाघाट के प्रखंड के अशोक पेपर मील के प्रांगण में, फिर बाद में शोभन में भूमि चिन्हित कर एम्स निर्माण के लिए जमीन दिया गया। लंबे अरसे के बाद मंत्रालय ने बिहार सरकार को पत्र दिया है कि यह जमीन एम्स के भवन के लिए उपयुक्त नहीं है। मैं यह जानना चाहता हूं कि भारत सरकार बिहार को एम्स देना भी चाहती है कि नहीं। अब तो केंद्र सरकार की नियति पर शक हो रहा है। शक नहीं, अब तो कंफर्म हो गया कि ये लोग बिहार को दूसरा एम्स नहीं देना चाहती है। यानी कि जहां भी विपक्ष की सरकार है उसको केंद्र की सरकार मदद करना नहीं चाहती है। वही उन्होंने कहा कि आप देख रहे हैं कि सर्व शिक्षा अभियान, यूजीसी, इलेक्ट्रिक सिटी मैं मदद करती थी। सभी में मदद बंद हो गई है। दरभंगा एम्स सिर्फ दरभंगा के लिए नहीं, बल्कि पूरे उत्तर बिहार के लिए है और मिथिलांचल के लिए तो बहुत बड़ी चीज थी।
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