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पटना। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री (Former Deputy Chief Minister) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शुक्रवार को कहा कि महागठबंधन सरकार में जन-कल्याण से सीधे जुड़े स्वास्थ्य विभाग की हालत बद से बदतर हो गई है । श्री मोदी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने श्री तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य समेत छह प्रमुख विभागों का मंत्री बना दिया है। वे किसी विभाग को वक्त नहीं दे पा रहे हैं। उनके पास फुर्सत नहीं है और तकलीफ जनता को झेलनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव न 60 दिन में जिला अस्पतालों को सुधार पाये और न उन 705 डाॅक्टरों पर ही कोई कार्रवाई हुई, जिन्हें कई साल से "गायब" बताया गया है। भाजपा सांसद ने सवाल किया कि सरकारी अस्पतालों से गायब डाॅक्टरों को अब तक वेतन कैसे मिल रहा है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से यह भी पूछा कि सभी राशनकार्डधारी मरीजों को पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त देने की जो घोषणा की गई थी, उसका क्या हुआ । श्री मोदी ने कहा कि जब डेंगू का प्रकोप चरम पर था तब श्री तेजस्वी यादव ने औचक निरीक्षण कर एक डाॅक्टर को सस्पेंड किया था लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा तक नहीं की। अब मरीज भगवान भरोसे छोड़ दिये गए हैं।
भाजपा सांसद ने कहा कि खगड़िया में बिना एनेस्थीसिया दिये महिला का बन्ध्याकरण ऑपरेशन किया जाना स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनहीनता और दुर्दशा, दोनों की गंभीरता बताने के लिए काफी है। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में दवा, जांच, डाॅक्टर की उपलब्धता जैसी बुनियादी सुविधाओं को दो माह में ठीक करने का वादा हवा-हवाई ही साबित हुआ।
Source : Uni India
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