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मधेपुरा। शनिवार को मधेपुरा डीएम आवास और समाहरणालय के बीच डीएम साहब की गाड़ी और एक बाइक की टक्कर हो गई। पीड़ित के मुताबिक टक्कर के बाद गाड़ी पर सवार अधिकारी की पहल पर ही उसे सरकारी गाड़ी से सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वरीय उपसमाहर्ता शिवकुमार शैव और खुद सीएस डॉ. एएन शाही उसे देखने गए। युवक का एक पैर टूट गया है। शरीर के अन्य हिस्से में भी चोट है।
होने को तो केस दुर्घटना के बाद स्वतः सदर अस्पताल द्वारा थाना को सूचना देकर हो जाना चाहिए लेकिन जब सीएस साहब खुद इलाज करवा रहे हों और एडीएम साहब उसकी तबियत का ख्याल रख रहे हों तो किसी का ध्यान थाने तरफ क्यों जाय। लेकिन पीड़ित को जो बात आज पता चली वह चौकाने वाली थी। वह यह है कि जिला गोपनीय शाखा के सरकारी वाहन चालक रमेश भगत ने पीड़ित घायल युवक पर ही केस दर्ज करवा दी है।
जिला पदाधिकारी के वाहन चालक रमेश भगत के द्वारा थाना में दर्ज कराए गए केस में कहा गया है कि वह डीएम के आवास से विभागीय इनोवा गाड़ी लेकर कलेक्ट्रेट जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में स्टेडियम की ओर से आते हुए तेज रफ्तार में लापरवाही से एक बाइक सवार युवक ने उक्त वाहन में ठोकर मार दिया। इससे वाहन का बंपर व हेडलाईट टूट गया। आवेदन कहा गया है कि बाइक सवार युवक ठोकर मारकर बाइक घटना स्थल पर ही छोड़कर फरार हो गया।
इसके बाद ड्राइवर ने उक्त बाइक को थाना में सुपुर्द कर बाइक चालक पर केस दर्ज कराया। वहीं मुरलीगंज थाना क्षेत्र के तमौट परसा गांव वार्ड-9 निवासी ललटू यादव के पुत्र प्रवेश कुमार ने बताया कि शनिवार को वह बाइक पर सवार होकर अपने एक दोस्त के पास बकाया 300 रुपए और किताबें लाने जा रहा था। उसकी बाइक की स्पीड महज 25 किमी प्रति घंटे की रही होगी। परिजनों की माने तो एक तो बेटा का पैर टूट गया, उपर से केस भी कर दिया गया। पहले से पता होता तो वे लोग भी केस दर्ज कराते।
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