बिहार
दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में शुमार बिहार का मुजफ्फरपुर, वायु प्रदूषण पर पहली बार क्लीन एयर प्रोग्राम के जरिए हुए सर्वे में खुलासा
Renuka Sahu
1 July 2022 3:11 AM GMT
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फाइल फोटो
शहर के नालों की गाद और मलबे हैं। शहर में 1097 जगहों पर नाले से निकालकर सूखने के लिए छोड़ी गई गाद हवा में उड़कर प्रदूषण बढ़ा रही है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शहर के नालों की गाद और मलबे हैं। शहर में 1097 जगहों पर नाले से निकालकर सूखने के लिए छोड़ी गई गाद हवा में उड़कर प्रदूषण बढ़ा रही है। वायु प्रदूषण पर पहली बार क्लीन एयर प्रोग्राम के जरिए हुए सर्वे में यह मामला खुला है। क्लीन एयर प्रोग्राम के डैश बोर्ड पर लोगों की शिकायत व शहर में हुए सर्वे के नतीजे जारी किए गए हैं।
1097 जगहों पर मलबा और नाले की गाद सूखने से वायु प्रदूषण
क्लीन एयर प्रोजेक्ट के तहत जिलों में वायु प्रदूषणों के कारणों की सीधे मुख्यालय से मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्य के सबसे अधिक प्रदूषित पटना, गया और मुजफ्फरपुर में इस डैश बोर्ड से शहर में वायु प्रदूषण के लिए हो कार्यों का हर दिन जायजा लिया जा रहा है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तीन सर्वेयर ने शहर को तीन जोन में बांटकर निरीक्षण किया था, जिसमें 1097 जगहों पर मलबा और नाले की गाद सूखने से वायु प्रदूषण हो रहा था। इसमें 200 से अधिक जगहों पर आरसीडी और बुडको की योजना में ठेकेदार की लापरवाही खुलकर सामने आई। सर्वेयर ने सर्वे के बाद मलबा हटाने व निर्माण स्थलों पर पानी छिड़काव का निर्देश दिया था। पहले जोन में वार्ड एक से 16 तक में सड़कों पर 271 जगहों पर सैनिटेशन का मलबा और 34 जगहों पर निर्माण के कारण वायु प्रदूषण पाया गया। दूसरे जोन के वार्ड 17 से 32 में 293 जगहों पर नाले की गाद व 188 जगहों पर निर्माण कार्यों के मलबा और जोन तीन के वार्ड 33 से 49 तक में 311 जगहों पर सैनिटेशन मलबा और 875 जगहों पर निर्माण कार्यों के चलते वायू प्रदूषण पाया गया।
हो रही निगरानी
नगर आयुक्त ने विवेक रंजन मैत्रेय का कहना है कि सर्वे में दिये गये सभी स्पॉट पर सिटी मैनेजर के नेतृत्व में पर्यावरण अधिकारी की टीम कार्य की मॉनिटरिंग कर रही है।
निर्माण स्थलों पर नहीं हो रहा पानी छिड़काव
सबसे बुरा हाल मिठनपुरा से नारायणपुर माल गोदाम, पानी टंकी से मिठनपुरा, हाथी चौक से लेप्रोसी मिशन चौक, मोतीझील, तिलकमैदान रोड, ब्रह्मपुरा एमआईटी के निकट निर्माण स्थलों पर पर्याप्त मात्रा में पानी छिड़काव नहीं कराने के कारण वायु प्रदूषण हुआ। जगह-जगह नाले की गाद निकालकर सड़क पर डालने से प्रदूषण बढ़ रहा है।
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