बिहार

दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बन सकता है बिहार की जातीय गणना!

Rani Sahu
2 Aug 2023 1:56 PM GMT
दूसरे राज्यों के लिए भी नजीर बन सकता है बिहार की जातीय गणना!
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पटना (आईएएनएस)। बिहार में पटना उच्च न्यायालय के जाति आधारित गणना को रोकने वाली तमाम याचिकाओं को मंगलवार को खारिज किए जाने के बाद बुधवार से राज्य में एक बार फिर से जातीय गणना का कार्य प्रारंभ हो गया है।
इसे लेकर सियासत भी खूब हो रही है। संभावना व्यक्त की जा रही है कि 10 से 12 दिनों में अधिकांश क्षेत्रों में कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस बीच कई राज्यों में जातीय गणना की मांग उठने के बाद यह कहा जाने लगा है कि बिहार की यह जातीय गणना अन्य कई राज्यों के लिए नजीर बनेगी।
जदयू के प्रवक्ता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार कहते भी हैं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के कई कार्यों को केंद्र सरकार और अन्य राज्य सरकारों ने अपनाया है। इसमें कोई शक नहीं कि बिहार में हो रही जातीय गणना भी अन्य प्रदेशों के लिए नजीर बनेगी।
पटना सहित राज्य के कई जिलों में बुधवार से जाति आधारित सर्वे का काम शुरू कर दिया गया है। सभी जिलाधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वह जल्द से जल्द जाति आधारित सर्वे का काम पूरा कराएं।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर ने बताया कि फिर से जाति आधारित गणना का काम शुरू हो गया है। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि पटना जिला में 13.69 लाख परिवार हैं। इनमें से 9 लाख 35 हजार परिवारों की गिनती का काम करीब पूरा कर लिया गया है। 4 लाख 34 हजार परिवारों की गिनती का काम बाकी रह गया है। उन्होंने संभावना जताते हुए कहा कि सात दिनों के अंदर इस कार्य के पूरा किए जाने की उम्मीद है।
इस बीच शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को भी गणना कार्य में लगाने को लेकर सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा है। विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि शिक्षकों को जाति गणना में लगाया जाए। जिससे सर्वे का काम तेजी से पूरा हो सके।
हालांकि, पत्र में यह भी कहा गया है कि जातीय जनगणना कराने के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करते समय इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि कोई भी विद्यालय बिना टीचर के नहीं हो।
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