बिहार

अमृत महोत्सव पर बिहारी छात्राओं ने बनाई दुनिया की सबसे बड़ी राखी

Ritisha Jaiswal
9 Aug 2022 12:51 PM GMT
अमृत महोत्सव पर बिहारी छात्राओं ने बनाई दुनिया की सबसे बड़ी राखी
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पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हर तरफ उत्साह और उल्लास देखने को मिल रहा है.

पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है. हर तरफ उत्साह और उल्लास देखने को मिल रहा है. ऐसे में बच्चे से लेकर बड़े तक हर कोई अपना अपना योगदान देकर इस साल को यादगार बनाने में जुटा हुआ है. इस कड़ी में बिहार की छात्राओं ने एक नया कीर्तिमान रच दिया. इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो गया. स्कूल की 500 छात्रों ने मिलकर दुनिया की सबसे लंबी राखी बनाने की कोशिश की.

आज़ादी की अमृत महोत्सव के खास मौके पर बिहार की छात्राओं ने मिलकर 808 फिट लंबी राखी बनाकर नया कीर्तिमान गढ़ दिया. यह प्रयास बेहद अनूठा है जिसे लोगों ने खूब पसंद किया. अनुमान है कि जल्द ही यह राखी लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो सकती है. जबकि इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड में नाम दर्ज हो गया है. राखी को बनाने में करीब 500 छात्राओं ने कड़ी मेहनत और लगन से काम किया.
बिहारी बालाओं ने कर दिया कमाल
बिहार के छात्राओं के जरिए बनाई गई राखी की कुल लंबाई 808 फिट बताई गई इस राखी के जरिये राष्ट्रीय एकता भाईचारा साम्प्रदायिक सौहार्द को बनाए रखने का संदेश दिया गया. 808 फ़ीट की ये राखी दुनिया की सबसे लंबी राखी कही जा रही है. जिसके चलते इंडियन बुक ऑफ रिकार्ड में इसका नाम दर्ज हो चुका है. और अब इस राखी को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल करने की भी सिफारिश की गई है. बिहार के नैट्रेडेम एकेडमी, पटना की छात्राओं ने ही 808 फिट की राखी बनाई है. अनोखी राखी के निर्माण की शुरुवात सोमवार 8 अगस्त को सुबह साढ़े छह बजे से हुई थी. जो करीब तीन घंटे तक चली. रैक के निर्माण में लगी सभी 500 छात्राएं आठवीं और नौवीं कक्षा की थी जिन्होंने 3 घंटे की अथक प्रयास के बाद इस अनोखी राखी को तैयार किया. यानि मात्र 13 से 15 साल के उम्र वाली स्कूली छात्राओं ने दुनिया की सबसे बड़ी राखी बनाने किर्तिमान को अंजाम दिया.
दुनिया की सबसे बड़ी राखी बनाकर बढ़ाया मान
इससे पहले साल 2019 में हैदराबाद के बंजारा हिल स्थित एनटीआर भवन में 666 फीट लंबी राखी बनाई गई थी. उससे पहले 2013 में बुल टेम्पल रोड, बैंगलोर में 400 फीट लंबी राखी ब्रह्माकुमारी के ज़रिए राखी के मौके पर बनाई गई थी. जिसे 150 कलाकारों ने मिलकर बनाया था. दोनों ही राखियां लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (Limca Book Of Records) में शामिल हैं.


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