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प्रतीकात्मक तस्वीर
जनता से रिश्ता : सीमांचल और कोसी के जिलों में नदियों में उफान गुरुवार को भी जारी रही। इस कारण अररिया जिले में एक दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया। पूर्णिया और कटिहार जिले में महानंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। किशनगंज जिले में बाढ़ से आधा दर्जन से अधिक सड़क व दो पुल का एप्रोच पथ ध्वस्त हो गया है। बाढ़ से खेती भी प्रभावित हुई है। कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से सहरसा में तटबन्ध अंदर बसे गांवों में पानी फैलने लगा है।
अररिया जिले के जोकीहाट प्रखंड होकर बहने वाली बकरा व कनकई नदी के उफनाने से एक दर्जन से अधिक गांव में पानी फैल गया है। इसके साथ ही कई सड़कों पर पानी बहने लगा है। चौकता पंचायत के मछैला कब्रिस्तान से पेचैली गांव को जोड़ने प्रधानमंत्री सड़क भेभरा गांव के पास टूट जाने से लोगों को आवागमन की समस्या उत्पन्न हो गई है। आधा दर्जन डायवर्सनों में पानी भर जाने से यातायात ठप हो गया है। इधर कुर्साकांटा के पकरी गांव के कटाव के कारण चार घर बहेलिया नदी में विलीन हो गए हैं। कटिहार में महानंदा, गंगा, कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है।
एडीएम विजय कुमार ने बताया कि जिले के किसी भी पंचायत में बाढ़ का पानी नहीं फैला है। कदवा प्रखंड के नरगदा डायवर्सन टूटने से नदी का पानी दूसरे इलाके में फैलने लगा है। अभियंताओं का दल पानी के रिसाव को कम करने का प्रयास में जुटा है। पूर्णिया में महानंदा समेत सभी प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कनकई नदी के किनारे बसे रायबैर बरडीहा गांव के घरों में बाढ़ का पानी फैल गया है। यहां के लोगों ने स्टेट हाइवे 99 पर शरण ली है। कई स्थानों पर सड़कें कटने से आवागमन भी प्रभावित हो गया है।
source-hindustan
Admin2
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