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बिहार : गुंडा बैंक' से परेशान, महिला ने दी जान, पुलिस ने दर्ज की FIR

Tara Tandi
18 July 2023 12:21 PM GMT
बिहार : गुंडा बैंक से परेशान, महिला ने दी जान, पुलिस ने दर्ज की FIR
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अगर लोन की किस्त नहीं दे सकते हो तो रस्सी का फंदा बनाकर लटक जाओ, लोन माफ हो जाएगा. ये शब्द हैं उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक के कर्मचारियों के, जिन्होंने एक लेंडर को लोन ना दे पाने के लिए फांसी लगाने की सलाह दी और लेंडर ने प्रताड़ना से तंग आकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लोग लोन लेते हैं, बुरे दौर से बाहर निकलने के लिए और लोगों की यही जरूरत उन्हें स्मॉल फाइनेंस कंपनियों के मकड़जाल में फंसा देती है. जिसमें वो इस कदर फंसते चले जाते हैं कि अंत में उन्हें जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ जाती है. उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक ने भी कुछ ऐसा ही किया. जहां मदद के नाम पर महिला को लोन दिया और वसूली के नाम पर उसे प्रताड़ित किया जाने.
बैंक वालों ने महिला को दी आत्महत्या की सलाह
महिला को इतना प्रताड़ित किया गया कि उसे हर रोज प्रताड़ना झेलने से आसान फांसी लगाकर खुदकुशी करना लगा. हैरान करने वाला ये मामला कटिहार के कदवा थाना क्षेत्र का है, जहां पुतुल देवी के घर लोन की वसूली के लिए पहुंचे फाइनेंस बैंक के कर्मचारियों ने ना सिर्फ उन्हें धमकी दी. बल्कि लोन ना चुका पाने पर फांसी लगा लेने की बात भी कही. ऐसे में पुतुल देवी के परिजनों का आरोप है कि इस प्रताड़ना से तंग आकर महिला ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. जिसके बाद से ही परिजनों में कोहराम मच गया है.
'गुंडा बैंक' से परेशान
महिला की मौत के बाद से ही सागरत पंचायत के वार्ड नंबर 10 में आक्रोश का माहौल है. बताया जा रहा है कि पुतुल देवी ने बैंक से 60-70 हज़ार का लोन लिया था. जिसके तहत उसे 1350 रुपये क़िस्त हर हफ्ते देना पड़ता था. बैंक कर्मचारी लगातार क़िस्त देने के बावजूद महिला को दो किस्त एक साथ देने की बात कहने लगे. जब पुतुल देवी किस्त नहीं दे पाई तो रिकवरी एजेंट 'वसूली भाई' बन गए.
स्मॉल फाइनेंस कंपनियों पर लगाम कब?
रिकवरी एजेंट ने महिला के घर पहुंचकर बच्चों के सामने उसे धमकी दी. साथ ही यह भी कहा कि अगर क़िस्त नहीं दे सकती तो फांसी लगा लो, लोन माफ हो जाएगा. एक तरफ महिला की आत्महत्या के बाद से ही पूरे गांव में आक्रोश का माहौल है. लोग बैंक के रवैये के खिलाफ विरोध जता रहे हैं, तो वहीं बैंक के मैनेजर इन आरोपों को बेबुनियाद बता रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप के बाद पुलिस ने मामले को संज्ञान में ले लिया है और FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.
1350 रुपए की किस्त बनी आत्महत्या का कारण!
कटिहार की ये घटना कोई पहली घटना नहीं है. स्मॉल फाइनेंस कंपनियों की मनमानी और प्रताड़ना की बलि कई परिवार चढ़ चुके हैं. ना जाने कितनों ने आत्महत्या कर ली है और ना जाने कितने कर्ज के मकड़जाल में फंस गए. ये कंपनियां सरकारी नियमों का पालन भी नहीं करते. इन्हें सिर्फ लेंडर्स से पैसों की वसूली आती है. फिर चाहे वो वसूली धमकाने से हो या प्रताड़ित करने से. जरूरत है ऐसे में मामलों पर सरकार सख्त हो ताकि उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक जैसी कंपनियों की मनमानी पर नकेल कसी जा सके.
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